Site icon RR Classes

टोंक जिला: इतिहास, भूगोल, प्रशासन, सांस्कृतिक धरोहर – अध्ययन नोट्स

टोंक जिला: इतिहास, भूगोल, प्रशासन, सांस्कृतिक धरोहर – अध्ययन नोट्स

टोंक राजस्थान का एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है। यह 25°42′ से 26°34′ उत्तर अक्षांश और 75°07′ से 76°19′ पूर्व देशांतर के मध्य स्थित है।
उत्तर में जयपुर, पूर्व में सवाई माधोपुर, दक्षिण में बूंदी, कोटा और भीलवाड़ा जिले इसकी सीमाएँ बनाते हैं।
कुल क्षेत्रफल: 7194 वर्ग किमी
प्रमुख तहसीलें: मालपुरा, निवाई, देवली, टोंक, उनियारा, टोडा रायसिंह
यह प्रशासनिक दृष्टि से 6 तहसीलों में विभाजित है, जो जिले के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।


टोंक का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

टोंक का इतिहास अत्यंत प्राचीन है।

टोंक को राजस्थान का लखनऊ, अदब का गुलशन, अख्तर शीरानी की नगरी, मिठे खर्बूजों का चमन और हिंदू-मुस्लिम एकता का केंद्र कहा जाता है। यहाँ की सांस्कृतिक विविधता और साम्प्रदायिक सौहार्द इसे विशिष्ट बनाते हैं।


टोंक के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल

अरबी-फारसी अनुसंधान संस्थान

सुन्हरी कोठी

हाथी भाटा

बिसलदेव मंदिर और बिसलपुर डेम

हाड़ी रानी बावड़ी, टोडा रायसिंह

डिग्गी कल्याण जी मंदिर


टोंक का भूगोल

टोंक जिला आकार में पतंग या समचतुर्भुज (rhombus) जैसा है, जिसमें पूर्वी और पश्चिमी भाग कुछ भीतर की ओर मुड़े हुए हैं और दक्षिण-पूर्वी भाग सवाई माधोपुर और बूंदी जिलों के बीच बाहर की ओर निकला है।

नदियाँ


टोंक के प्राकृतिक संसाधन

खनिज संपदा में टोंक का स्थान राज्य में प्रमुख है। यहाँ गार्नेट और एक्वामरीन की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हैं।
अन्य खनिज: सिलिका सैंड, मिका, एंडालुसाइट, कोरंडम, सोपस्टोन, बिल्डिंग स्टोन

एक्वामरीन

गार्नेट


जनसंख्या एवं सामाजिक स्थिति

विषयविवरण
जनसंख्या (2011)14,21,711
जनसंख्या घनत्व198 व्यक्ति/वर्ग किमी
जनसंख्या वृद्धि दर17.33% (2001-2011)
लिंगानुपात949 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष
साक्षरता दर62.46%

टोंक की प्रमुख विशेषताएँ (सारांश तालिका)

विषयविवरण
स्थान25°42′-26°34′N, 75°07′-76°19′E
सीमाएँउत्तर-जयपुर, पूर्व-सवाई माधोपुर, दक्षिण-बूंदी, कोटा, भीलवाड़ा
क्षेत्रफल7194 वर्ग किमी
प्रमुख तहसीलेंमालपुरा, निवाई, देवली, टोंक, उनियारा, टोडा रायसिंह
प्रमुख नदियाँबनास, मांशी, सोहद्रा, खारी, दायन, बांदी, गलवा
प्रमुख खनिजगार्नेट, एक्वामरीन, सिलिका सैंड, मिका, सोपस्टोन
ऐतिहासिक स्थलसुन्हरी कोठी, बिसलदेव मंदिर, हाड़ी रानी बावड़ी, डिग्गी कल्याण जी, अरबी-फारसी अनुसंधान संस्थान
प्रसिद्ध उपनामराजस्थान का लखनऊ, अदब का गुलशन, अख्तर शीरानी की नगरी, हिंदू-मुस्लिम एकता का केंद्र

टोंक जिला राजस्थान के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यहाँ की प्राचीन सभ्यता, राजपूत-मुगल इतिहास, नवाबी संस्कृति, भव्य महल, मंदिर, बावड़ियाँ और खनिज संपदा इसे विशिष्ट बनाती हैं।
अरबी-फारसी अनुसंधान संस्थान और सुन्हरी कोठी इसकी सांस्कृतिक धरोहर हैं।
बिसलपुर डेम और बनास नदी यहाँ की कृषि और जल व्यवस्था की रीढ़ हैं।
टोंक की हिंदू-मुस्लिम एकता, साहित्यिक परंपरा और भौगोलिक विविधता इसे राजस्थान के अन्य जिलों से अलग पहचान दिलाती है।

महत्वपूर्ण बिंदु:


Exit mobile version