सीकर जिला: इतिहास, भूगोल, सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक विशेषताएँ – अध्ययन नोट्स

By RR Classes

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सीकर जिला: एक परिचय

सीकर राजस्थान के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध जिला है। यह जिला 27.21° से 28.12° उत्तर अक्षांश और 74.44° से 75.25° पूर्व देशांतर के बीच स्थित है।
सीकर के उत्तर में झुंझुनूं, उत्तर-पश्चिम में चूरू, दक्षिण-पश्चिम में नागौर, दक्षिण-पूर्व में जयपुर और उत्तर-पूर्व कोने पर हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले की सीमाएँ लगती हैं।
जिले का कुल क्षेत्रफल 7742 वर्ग किलोमीटर है, जिसे 9 तहसीलों में विभाजित किया गया है:
सीकर, लक्ष्मणगढ़, दांता रामगढ़, नीम का थाना, ढोद, खंडेला, श्रीमाधोपुर, फतेहपुर, रामगढ़ शेखावाटी।


सीकर का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

सीकर का क्षेत्र प्राचीन सभ्यता का हिस्सा रहा है। यहाँ के गणेश्वर और बागेश्वर (नीम का थाना) स्थल पूर्व-हड़प्पा काल से जुड़े हैं।
सीकर का प्राचीन नाम “वीर भान का बास” था।
मध्यकाल में सीकर, चूरू और झुंझुनूं मिलकर शेखावाटी क्षेत्र का निर्माण करते थे, जो जयपुर राज्य का सबसे बड़ा ठिकाना था।
राव बहादुर सिंह शेखावत (खंडेला के राजा) ने वीर भान का बास गाँव राव दौलत सिंह (कसली ठिकाना के राव जसवंत सिंह के पुत्र) को दिया।
राव दौलत सिंह ने गाँव का नाम बदलकर सीकर रखा और 1687 में यहाँ किला बनवाया।
1721 में दौलत सिंह के पुत्र शिव सिंह सीकर के शासक बने और 1724 में किले व महलों का निर्माण पूरा किया।

सीकर के शासकों की सूची

शासक का नामशासनकालप्रमुख उपलब्धियाँ/निर्माण
राव दौलत सिंह1687-1721सीकर ठिकाने की स्थापना
राव शिव सिंह1721-1748किला, महल, गोपीनाथ जी मंदिर, फतेहपुर विजय
राव सम्रथ सिंह1748-1754
राव नाहर सिंह
राव चाँद सिंह
राव देवी सिंहरघुनाथगढ़ व देवगढ़ किला, स्वर्णिम युग
राव राजा लक्ष्मण सिंहलक्ष्मणगढ़ किला निर्माण
राव राजा राम प्रताप सिंह
राव राजा भैरों सिंह
राव राजा माधव सिंह बहादुर1866-1922विक्टोरिया डायमंड जुबली हॉल, माधव निवास कोठी, माधव सागर तालाब (1899)
राव राजा कल्याण सिंह1922-1967घड़ीघर, कल्याण अस्पताल, कॉलेज

सीकर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल

गणेश्वर

  • नीम का थाना तहसील में स्थित यह गाँव 4000 वर्ष पुरानी सभ्यता का स्थल है।
  • 1977 में खुदाई के दौरान लाल रंग की काली चित्रित मिट्टी की वस्तुएँ (2500–2000 ई.पू.) और लगभग 1000 तांबे की वस्तुएँ मिलीं।
  • यहाँ से मिले तीर, भाले, मछली पकड़ने के कांटे, कड़े, छेनी आदि दर्शाते हैं कि यह क्षेत्र प्राचीन तांबा संस्कृति का केंद्र था।
  • खेती तांबा बेल्ट के पास स्थित गणेश्वर, हड़प्पा सभ्यता को तांबे की आपूर्ति करता था।

हर्षनाथ मंदिर

  • अरावली पहाड़ियों पर स्थित, 10वीं सदी का प्राचीन शिव मंदिर है।
  • पास में ही 18वीं सदी में शिव सिंह द्वारा निर्मित एक और शिव मंदिर स्थित है।

लक्ष्मणगढ़ किला

  • लक्ष्मण सिंह द्वारा 1862 में बनवाया गया यह किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
  • लक्ष्मणगढ़ नगर की नींव जयपुर की तर्ज पर रखी गई थी।

फतेहपुर की हवेलियाँ और बावड़ियाँ

  • फतेहपुर अपनी भव्य हवेलियों (सीताराम केडिया, जगन्नाथ सिंघानिया, सराफ हवेली आदि) और बावड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।
  • यहाँ नदीने ले प्रिंस सांस्कृतिक केंद्र और द्वारकाधीश मंदिर भी दर्शनीय हैं।

दरगाह हुजूर नजम सरकार

  • फतेहपुर शेखावाटी में स्थित यह दरगाह सूफी संत हजरत ख्वाजा हाजी मुहम्मद नजमुद्दीन सुलैमानी चिश्ती की है, जो 13वीं सदी हिजरी में सिलसिला-ए-चिश्तिया के प्रचारक रहे।

सीकर की सांस्कृतिक विरासत

सीकर की हवेलियाँ, मंदिर और किले शेखावाटी शैली की भित्तिचित्रों (फ्रेस्को पेंटिंग्स) के लिए प्रसिद्ध हैं।
यहाँ के प्रमुख व्यापारिक घराने – बजाज, बिड़ला, गोयनका – भी यहीं से हैं।
सीकर के मेले और त्योहार इसकी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं।

प्रमुख मेले व त्योहार

मेला/त्योहारस्थान/महत्वसमय/विशेषता
गंगौरपूरे जिले में, महिलाओं द्वारा गवरी पूजाचैत्र (मार्च-अप्रैल), 16-18 दिन
तीजझूले, वर्षा ऋतु का स्वागत, पार्वती पूजाश्रावण (अगस्त)
खाटू श्यामजी मेलाखाटू श्यामजी मंदिर, भव्य आयोजनफाल्गुन सुदी दशमी-द्वादशी (फरवरी-मार्च), 3 दिन
जीण माता मेलाजीण माता मंदिर, नवरात्रि में दो बारचैत्र व आश्विन नवरात्रि

सीकर का भूगोल

सीकर जिले का आकार अनियमित अर्धचंद्राकार (crescent) या कटोरे जैसा है।
यह तीन भौगोलिक भागों में विभाजित है:

  1. उत्तर-पश्चिमी रेगिस्तानी क्षेत्र – यहाँ रेत के टीले और बंजर भूमि पाई जाती है।
  2. मध्य अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र – यहाँ छोटी-छोटी पहाड़ियाँ हैं।
  3. उत्तर-पूर्वी ऊँचा व पहाड़ी क्षेत्र – अरावली पर्वतमाला का हिस्सा, जो जिले को दो भागों में बाँटती है और पश्चिमी रेत को पूर्वी भाग में जाने से रोकती है।

प्रमुख नदियाँ/नाले:
यहाँ कोई स्थायी नदी नहीं है, लेकिन कांतली, मंढा, दोहा, साबी व कृष्णावती नामक पाँच नाले बहते हैं।


खनिज और प्राकृतिक संसाधन

सीकर जिले में कई महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं, जिनकी जानकारी निम्न तालिका में दी गई है:

खनिज/संसाधनप्रमुख क्षेत्रविशेषता/उपयोग
तांबा (Copper)मोथोका से अहिरवाला, तेजवालाहड़प्पा काल से तांबा उत्पादन, 0.5 मिलियन टन भंडार
पाइराइट (Pyrite)सलादीपुरा (120 किमी जयपुर से)खाद्य उर्वरक, 1.5 किमी NW सलादीपुरा
बेरिलियमटोडा, बुचारा, चुरला, सणवालपुराऔद्योगिक उपयोग
फेल्डस्पारकचराड़ा, बुचाराहरे रंग का, मिक्का खनन का उप-उत्पाद
सोपस्टोनडरीबा (नीम का थाना से 20 किमी)साबुन, कॉस्मेटिक
फ्लुओरस्पारसलवारी (चोकरी)10 किमी क्षेत्र में
लौह अयस्कडाबला, थोई, नीम का थानास्टील निर्माण
फॉस्फेटकेरपुरा, सलवारीउर्वरक
कैल्साइटमौंडा गाँवभवन निर्माण
बैराइट्सखरकबिंगपुर, नरौदाऔद्योगिक उपयोग
चूना पत्थरपाटन, मौंडा, बालुपुरा, धामणीसीमेंट, निर्माण
संगमरमरकोटड़ी, केरपुरा, करौई, श्रीमाधोपुर, नीम का थानासफेद, गुलाबी, ग्रे रंग, भवन निर्माण
ग्रेनाइटडाबला, जीताला, अजितगढ़, सलादीपुराअजितगढ़ ग्रे, अजितगढ़ व्हाइट

सीकर की जनसंख्या और सामाजिक स्थिति

2011 की जनगणना के अनुसार, सीकर जिले की कुल जनसंख्या 26,77,737 है।

  • जनसंख्या घनत्व: 346 व्यक्ति/वर्ग किमी
  • जनसंख्या वृद्धि दर (2001-2011): 17.04%
  • लिंगानुपात: 944 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष
  • साक्षरता दर: 72.98%

सीकर के प्रमुख पर्यटन स्थल

स्थलविशेषता/महत्व
गणेश्वरप्राचीन तांबा संस्कृति, पुरातात्विक स्थल
हर्षनाथ मंदिर10वीं सदी का शिव मंदिर, ऐतिहासिक महत्व
लक्ष्मणगढ़ किलापहाड़ी पर स्थित, स्थापत्य कला का उदाहरण
फतेहपुर हवेलियाँभित्तिचित्रों से सुसज्जित, शेखावाटी शैली
दरगाह हुजूर नजम सरकारसूफी संत का पवित्र स्थल, फतेहपुर शेखावाटी
खाटू श्यामजी मंदिरप्रसिद्ध धार्मिक स्थल, वार्षिक मेला
जीण माता मंदिरनवरात्रि में दो बार भव्य मेला

सीकर की आर्थिक और सामाजिक विशेषताएँ

  • सीकर के प्रमुख उद्योगों में कृषि, खनिज, पशुपालन, हस्तशिल्प और पर्यटन शामिल हैं।
  • यहाँ के बाजाज, बिड़ला, गोयनका जैसे प्रसिद्ध व्यापारिक घराने देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं।
  • शेखावाटी क्षेत्र की हवेलियाँ, भित्तिचित्र, लोककला और स्थापत्य कला पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
  • यहाँ के मेले-त्योहार, जैसे गंगौर, तीज, खाटू श्यामजी मेला, जीण माता मेला सांस्कृतिक समृद्धि का परिचायक हैं।

संक्षिप्त तथ्य सारणी

विषयविवरण
स्थानउत्तर-पूर्वी राजस्थान
क्षेत्रफल7742 वर्ग किमी
प्रमुख तहसीलें9 (सीकर, लक्ष्मणगढ़, दांता रामगढ़ आदि)
प्रमुख नदियाँ/नालेकांतली, मंढा, दोहा, साबी, कृष्णावती
प्रमुख खनिजतांबा, पाइराइट, संगमरमर, ग्रेनाइट, फेल्डस्पार
जनसंख्या (2011)26,77,737
लिंगानुपात944 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष
साक्षरता दर72.98%
प्रमुख मेले/त्योहारगंगौर, तीज, खाटू श्यामजी, जीण माता

सीकर जिला राजस्थान के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक और आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यहाँ की प्राचीन सभ्यताएँ, शेखावाटी शैली की हवेलियाँ, भित्तिचित्र, धार्मिक स्थल और मेले-त्योहार इसे एक विशिष्ट पहचान देते हैं।
सीकर की खनिज संपदा, कृषि, पर्यटन और व्यापारिक घराने इसकी आर्थिक प्रगति के आधार हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं, सामान्य ज्ञान और राजस्थान अध्ययन के लिए सीकर का गहन अध्ययन अत्यंत उपयोगी है।


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