राजस्थान का जलवायु (Rajasthan Climate) – विस्तृत अध्ययन नोट्स

By RR Classes

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राजस्थान का भूगोल और जलवायु राज्य की प्राकृतिक, आर्थिक और सामाजिक संरचना को गहराई से प्रभावित करता है। राजस्थान का क्षेत्रफल भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जो विविध भौगोलिक विशेषताओं और जलवायु क्षेत्रों में विभाजित है। यहाँ की जलवायु मुख्यतः शुष्क और अर्द्ध-शुष्क है, लेकिन भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में जलवायु में पर्याप्त अंतर पाया जाता है।
यहाँ प्रस्तुत नोट्स राजस्थान की जलवायु का गहन विश्लेषण, क्षेत्रीय विविधता, प्रमुख आँकड़े, मानचित्र, तालिकाएँ और परीक्षोपयोगी तथ्य समाहित करते हैं।

राजस्थान की जलवायु की विशेषताएँ

  • राजस्थान की जलवायु मुख्यतः शुष्क (arid) एवं अर्द्ध-शुष्क (semi-arid) है।
  • यहाँ गर्मी अधिक, वर्षा कम तथा तापमान में अत्यधिक अंतर पाया जाता है।
  • थार मरुस्थल के कारण यहाँ की जलवायु और अधिक शुष्क हो जाती है।
  • अरावली पर्वतमाला राज्य की जलवायु को दो भागों में बाँटती है – पश्चिमी (अत्यंत शुष्क) और पूर्वी (अर्द्ध-शुष्क/आर्द्र)।
  • राजस्थान में मॉनसून की अनिश्चितता और अंतरवर्षीय वर्षा में भारी भिन्नता देखी जाती है।
  • गर्मियों में तापमान 48°C तक पहुँच जाता है, जबकि सर्दियों में 0°C से नीचे भी चला जाता है।

राजस्थान के जलवायु प्रदेश (Climatic Regions)

राजस्थान को जलवायु के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में बाँटा गया है। नीचे दी गई तालिका में प्रमुख जलवायु प्रदेश दर्शाए गए हैं:

तालिका 1: राजस्थान के जलवायु प्रदेश

प्रदेश का नामक्षेत्रफल का अनुपातप्रमुख जिलेविशेषताएँ
अत्यंत शुष्क (Arid)61%जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरूवर्षा 100-250 मिमी, तापमान अधिक
अर्द्ध-शुष्क (Semi-Arid)29%नागौर, जोधपुर, झुंझुनूं, सीकरवर्षा 250-500 मिमी, तापमान मध्यम
उप-आर्द्र (Sub-Humid)9%कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारांवर्षा 500-900 मिमी, तापमान कम
आर्द्र (Humid)1%माउंट आबू, दक्षिणी सिरोहीवर्षा 900 मिमी से अधिक, ठंडा मौसम

राजस्थान में तापमान की स्थिति

  • गर्मियों में अधिकतम तापमान – पश्चिमी राजस्थान (जैसलमेर, बाड़मेर, फलोदी) में 48°C तक पहुँच जाता है।
  • सर्दियों में न्यूनतम तापमान – माउंट आबू, सीकर, चुरू आदि में 0°C या उससे भी कम।
  • तापमान में अत्यधिक अंतर – दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर (diurnal range) राजस्थान की विशेषता है।

तालिका 2: प्रमुख स्थानों का तापमान (औसत)

स्थानअधिकतम तापमान (°C)न्यूनतम तापमान (°C)
जैसलमेर482
चूरू470
माउंट आबू360
जयपुर455
उदयपुर446

राजस्थान में वर्षा (Rainfall in Rajasthan)

  • राजस्थान में औसत वार्षिक वर्षा – लगभग 531 मिमी।
  • वर्षा का वितरण असमान – पश्चिमी भागों में सबसे कम, दक्षिण-पूर्वी भागों में सर्वाधिक।
  • जैसलमेर – भारत का सबसे शुष्क क्षेत्र (औसत वर्षा 100 मिमी से भी कम)।
  • माउंट आबू – सर्वाधिक वर्षा (1200 मिमी तक)।
  • वर्षा का मुख्य स्रोत – दक्षिण-पश्चिमी मानसून (जून-सितंबर)।
  • अरावली पर्वतमाला वर्षा वितरण में बाधक – पश्चिमी भागों में कम वर्षा, पूर्वी भागों में अधिक।

तालिका 3: प्रमुख जिलों में औसत वार्षिक वर्षा

जिलाऔसत वार्षिक वर्षा (मिमी)
जैसलमेर100
बीकानेर260
जोधपुर360
जयपुर650
उदयपुर650
माउंट आबू1200
कोटा900
बारां950

राजस्थान की जलवायु को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक

1. भौगोलिक स्थिति

  • उत्तर-पश्चिमी रेगिस्तान के कारण शुष्कता।
  • अरावली पर्वतमाला – वर्षा वितरण में बाधक।

2. पवनों का प्रभाव

  • गर्मियों में लू (गर्म, शुष्क हवाएँ) चलती हैं।
  • मानसून के समय दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ वर्षा लाती हैं।

3. मरुस्थलीकरण

  • थार मरुस्थल का विस्तार – जलवायु को अधिक शुष्क बनाता है।

4. मानवजनित गतिविधियाँ

  • वनों की कटाई, अधिक कृषि, जल स्रोतों का दोहन – शुष्कता में वृद्धि।

राजस्थान में मौसमी विभाजन

राजस्थान में वर्ष भर को चार प्रमुख ऋतुओं में बाँटा जाता है:

ऋतुअवधिविशेषताएँ
ग्रीष्म ऋतुमार्च-जूनअत्यधिक गर्मी, लू, तापमान 45-48°C तक
वर्षा ऋतुजुलाई-सितंबरमानसून, असमान वर्षा, कभी-कभी बाढ़ या सूखा
शरद ऋतुअक्टूबर-नवंबरतापमान में गिरावट, मौसम सुहावना
शीत ऋतुदिसंबर-फरवरीअत्यधिक ठंड, न्यूनतम तापमान 0°C तक, पाला पड़ना

राजस्थान में सूखा (Drought in Rajasthan)

  • सूखा राजस्थान की प्रमुख समस्या है।
  • हर 2-3 वर्ष में सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है।
  • जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू – सर्वाधिक प्रभावित जिले।
  • फसल उत्पादन, जल संकट, पशुधन पर प्रतिकूल प्रभाव।

तालिका 4: सूखा प्रभावित जिले

जिलासूखा की आवृत्ति (वर्षों में)विशेष टिप्पणी
जैसलमेरहर 2 वर्षसबसे अधिक सूखा प्रभावित
बाड़मेरहर 3 वर्षजल संकट, पलायन
बीकानेरहर 3 वर्षपशुधन पर असर
चूरूहर 3 वर्षकृषि उत्पादन प्रभावित

राजस्थान की जलवायु से संबंधित प्रमुख तथ्य

  • राजस्थान में भारत का सबसे बड़ा मरुस्थल – थार मरुस्थल स्थित है।
  • अरावली पर्वतमाला – जलवायु विभाजन की रेखा।
  • जैसलमेर – सबसे कम वर्षा वाला जिला।
  • माउंट आबू – सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान।
  • चूरू – भारत का सबसे अधिक तापमान दर्ज करने वाला क्षेत्र (2019 में 50°C)।
  • लू – गर्मियों की प्रमुख विशेषता।
  • पाला – सर्दियों में प्रमुख समस्या, फसलों को नुकसान।

राजस्थान में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव

  • वर्षा में अनिश्चितता – कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव।
  • जल स्रोतों का क्षरण – भूजल स्तर में गिरावट।
  • मरुस्थलीकरण का विस्तार – भूमि की उत्पादकता में कमी।
  • पशुधन और मानव जीवन – जल संकट, पलायन की समस्या।

जलवायु अनुकूलन के प्रयास

  • जल संरक्षण योजनाएँ – इंदिरा गांधी नहर, जलाशय, तालाब, कुएँ।
  • वनरोपण – मरुस्थलीकरण रोकने के लिए।
  • सूखा प्रबंधन – राहत कार्य, फसल बीमा, जल संचयन।
  • मौसम पूर्वानुमान – किसानों के लिए सूचना प्रणाली।

परीक्षोपयोगी तथ्य (Quick Facts)

  • राजस्थान का औसत वार्षिक तापमान – 25°C से 28°C।
  • सबसे अधिक तापमान – चूरू (50°C, 2019)।
  • सबसे कम तापमान – माउंट आबू (0°C से नीचे)।
  • अत्यधिक वर्षा – माउंट आबू (1200 मिमी)।
  • अत्यल्प वर्षा – जैसलमेर (100 मिमी)।
  • लू – मई-जून में चलती है, तापमान 45°C से ऊपर।
  • पाला – दिसंबर-जनवरी में, फसलों को नुकसान।

राजस्थान के जलवायु मानचित्र की भूमिका

  • मानचित्र के माध्यम से वर्षा वितरण, तापमान क्षेत्र, सूखा प्रभावित क्षेत्र आदि का अध्ययन आसान होता है।
  • परीक्षा में मानचित्र आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं, अतः मानचित्र का अभ्यास करें।

तालिका 5: राजस्थान के जलवायु से जुड़े प्रमुख प्रश्न

प्रश्नउत्तर
राजस्थान का सबसे शुष्क जिला कौन सा है?जैसलमेर
सबसे अधिक वर्षा कहाँ होती है?माउंट आबू
सबसे अधिक तापमान किस जिले में दर्ज हुआ?चूरू (50°C, 2019)
राजस्थान में औसत वार्षिक वर्षा कितनी है?531 मिमी
लू किस ऋतु में चलती है?ग्रीष्म ऋतु (मई-जून)
अरावली पर्वतमाला का जलवायु पर क्या प्रभाव है?वर्षा वितरण में बाधक
सूखा सर्वाधिक किस क्षेत्र में पड़ता है?पश्चिमी राजस्थान
मानसून की वर्षा का मुख्य स्रोत क्या है?दक्षिण-पश्चिमी मानसून

राजस्थान की जलवायु विविध, चरम और चुनौतीपूर्ण है। यहाँ की शुष्कता, तापमान में अंतर, असमान वर्षा और सूखा राज्य की कृषि, जीवन, समाज और अर्थव्यवस्था को गहराई से प्रभावित करते हैं।
जलवायु अनुकूलन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रयास राज्य के सतत विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
परीक्षा की दृष्टि से, राजस्थान की जलवायु के सभी पहलुओं का गहन अध्ययन और मानचित्र, आँकड़े, तालिकाओं का अभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण है।

नोट:
इस नोट्स को बार-बार पढ़ें, महत्वपूर्ण आँकड़े और क्षेत्र याद करें, तथा मानचित्र और तालिकाओं का अभ्यास करें।
Sources:

  • राजस्थान स्कूल शिक्षा बोर्ड पाठ्यक्रम
  • IMD, जलवायु रिपोर्ट्स
  • प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र

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