धौलपुर राजस्थान के पूर्वी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध जिला है। यह जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक किलों, मंदिरों, जलप्रपातों और वन्य जीव अभयारण्यों के लिए प्रसिद्ध है। धौलपुर का नाम धवलपुरी से उत्पन्न हुआ है, जो राजा धोलन देव तोमर के नाम पर रखा गया था। यहाँ की संस्कृति, परंपराएँ और ऐतिहासिक स्थल इसे राजस्थान के अन्य जिलों से अलग पहचान देते हैं।
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स्थान, क्षेत्रफल और प्रशासन
धौलपुर जिला 26° 42′ 0″ उत्तर अक्षांश और 77° 54′ 0″ पूर्व देशांतर पर स्थित है। यह जिला भरतपुर (उत्तर), आगरा (उत्तर), ग्वालियर (दक्षिण), करौली (पश्चिम), मुरैना (पूर्व) से घिरा हुआ है।
धौलपुर राजस्थान का सबसे छोटा जिला है, जिसका कुल क्षेत्रफल 3034 वर्ग किमी है। प्रशासनिक दृष्टि से इसे 6 तहसीलों में बाँटा गया है:
तहसील का नाम | मुख्यालय | प्रशासनिक विशेषता |
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धौलपुर | धौलपुर | धौलपुर जिला मुख्यालय, प्रशासनिक केंद्र |
बाड़ी | बाड़ी | ऐतिहासिक स्थल, व्यापारिक केंद्र |
बसेरी | बसेरी | ग्रामीण क्षेत्र |
राजाखेड़ा | राजाखेड़ा | सीमा क्षेत्र |
सैपऊ | सैपऊ | कृषि प्रधान क्षेत्र |
सरमथुरा | सरमथुरा | जलप्रपात, पर्यटन स्थल |
धौलपुर का इतिहास
धौलपुर का इतिहास बुद्ध काल से जुड़ा हुआ है। प्राचीन काल में यह मत्स्य जनपद का हिस्सा था और मौर्य साम्राज्य में सम्मिलित रहा। आठवीं से दसवीं शताब्दी के बीच यहाँ चौहान शासकों का शासन रहा।
700 ई. में राजा धोलन देव तोमर ने यहाँ धवलपुरी (धौलपुर) नगर की स्थापना की।
1120 ई. में करौली के राजा धर्मपाल ने यहाँ का प्रसिद्ध किला बनवाया।
मुगल काल में सिकंदर लोदी ने 1502 में धौलपुर पर अधिकार किया।
ब्रिटिश काल में 10 जनवरी 1806 को धौलपुर ब्रिटिश संरक्षित राज्य बना।
1949 में महाराजा उदय भान सिंह ने भारत संघ में विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए।
धौलपुर के शासक
शासक का नाम | शासन काल | उपलब्धि/विशेषता |
---|---|---|
राजा धोलन देव तोमर | 700 ई. | धवलपुरी की स्थापना |
राजा धर्मपाल | 1120 ई. | धौलपुर किला निर्माण |
सिकंदर लोदी | 1502 ई. | धौलपुर पर अधिकार |
महाराजा किरत सिंह | 1806-1836 | ब्रिटिश संरक्षण |
महाराजा उदय भान सिंह | 1911-1947 | भारत में विलय |
धौलपुर के ऐतिहासिक व दर्शनीय स्थल
1. मच कुंड मंदिर
- धौलपुर शहर से 4 किमी दूर स्थित यह मंदिर राजा मचछुकुंड के नाम पर है।
- किंवदंती के अनुसार, यहाँ राक्षस कालयमन का अंत हुआ था।
- यह स्थल धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
2. तालाब-ए-शाही
- धौलपुर से 27 किमी दूर स्थित यह झील और महल 1617 ई. में शिकारगाह के रूप में बनाए गए।
- यहाँ सर्दियों में प्रवासी पक्षियों का बड़ा जमावड़ा होता है।
3. शेरगढ़ किला
- चंबल नदी के किनारे स्थित यह किला कुषाण काल में राजा मालदेव द्वारा बनवाया गया था।
- 1540 में शेरशाह सूरी ने इसका पुनर्निर्माण किया और इसे ‘शेरगढ़’ नाम दिया।
4. दमोह जलप्रपात
- सरमथुरा क्षेत्र में स्थित यह जलप्रपात वर्षा ऋतु में अत्यंत आकर्षक हो जाता है।
- यहाँ का हरियाली भरा जंगल और वन्य जीव पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
5. वान विहार वन्य जीव अभयारण्य
- 25.60 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला यह अभयारण्य धौलपुर के शासकों का शिकार क्षेत्र था।
- यहाँ सांभर, चीतल, नीलगाय, जंगली सूअर, भालू, लकड़बग्घा और तेंदुआ पाए जाते हैं।
6. रामसागर अभयारण्य
- 34.40 वर्ग किमी में फैला, यहाँ का रामसागर झील जलजीवों और प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ मगरमच्छ, मछलियाँ, पक्षियों की कई प्रजातियाँ तथा सर्दियों में प्रवासी बत्तखें देखी जा सकती हैं।
7. नेशनल चंबल (घड़ियाल) अभयारण्य
- चंबल नदी उत्तर भारत की सबसे स्वच्छ नदियों में से एक है।
- यहाँ गंगा डॉल्फिन, घड़ियाल, मगरमच्छ, और सैकड़ों प्रवासी पक्षी पाए जाते हैं।
- यह अभयारण्य राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमाओं में फैला है।
धौलपुर का भूगोल
धौलपुर का दक्षिणी सीमा चंबल नदी द्वारा निर्धारित होती है, जिसके पार मध्यप्रदेश स्थित है।
चंबल नदी के किनारे-किनारे गहरी बीहड़ (रवाइन) भूमि पाई जाती है।
पश्चिमी भाग में लाल बलुआ पत्थर की पहाड़ियाँ और खदानें हैं, जो यहाँ के प्रमुख खनिज संसाधन हैं।
भूमि उपजाऊ है और यहाँ की मिट्टी में रेत, चिकनी मिट्टी और लाल बलुआ पत्थर की प्रधानता है।
धौलपुर की प्रमुख नदियाँ और झीलें
नदी/झील का नाम | विशेषता |
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चंबल नदी | दक्षिणी सीमा, जलजीवों का घर |
रामसागर झील | जलजीव, प्रवासी पक्षी |
तालाब-ए-शाही | प्रवासी पक्षियों का आकर्षण |
प्राकृतिक संसाधन
धौलपुर जिले का प्रमुख खनिज लाल बलुआ पत्थर (Red Sandstone) है, जिसका उपयोग भारत के कई प्रसिद्ध भवनों (जैसे लाल किला, संसद भवन) में हुआ है।
यहाँ 87 खनन पट्टे (mining leases) हैं, जिनमें से अधिकांश बलुआ पत्थर और चूना पत्थर के लिए हैं।
धौलपुर के प्रमुख मेले और त्यौहार
- मच कुंड मेला: धार्मिक आस्था का केंद्र, बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
- तालाब-ए-शाही उत्सव: प्रवासी पक्षियों के आगमन पर स्थानीय उत्सव।
- गणगौर, तीज, दीपावली, होली: पारंपरिक त्यौहार पूरे जिले में हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं।
धौलपुर की जनसंख्या
जनगणना 2011 के अनुसार, धौलपुर जिले की कुल जनसंख्या 12.06 लाख थी, जिसमें से ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 80% और शहरी क्षेत्र में 20% लोग निवास करते हैं।
वर्ष | कुल जनसंख्या | ग्रामीण (%) | शहरी (%) |
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2011 | 12,06,000 | 80 | 20 |
धौलपुर के प्रमुख वन्य जीव एवं पक्षी
वन्य जीव/पक्षी | प्रमुख स्थान |
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सांभर, चीतल, नीलगाय | वान विहार अभयारण्य |
घड़ियाल, डॉल्फिन | चंबल अभयारण्य |
प्रवासी बत्तखें | तालाब-ए-शाही, रामसागर |
धौलपुर के ऐतिहासिक किले व महल
किला/महल का नाम | निर्माण काल/शासक | विशेषता |
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शेरगढ़ किला | शेरशाह सूरी (1540) | चंबल नदी के किनारे |
धौलपुर किला | राजा धर्मपाल (1120) | ऐतिहासिक महत्व |
तालाब-ए-शाही महल | शाहजहाँ (1617) | शिकारगाह, झील के किनारे |
धौलपुर जिला इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य, वन्य जीव, संस्कृति और खनिज संसाधनों का अद्भुत संगम है। यहाँ के किले, मंदिर, अभयारण्य, जलप्रपात और प्राकृतिक स्थल इसे राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल करते हैं।
धौलपुर का अध्ययन न केवल परीक्षा की दृष्टि से, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को समझने के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।