सिरोही जिला दर्शन: इतिहास, भूगोल, प्रशासन, संसाधन और सांस्कृतिक विशेषताएँ – अध्ययन नोट्स

By RR Classes

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सिरोही जिला: एक परिचय

सिरोही राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है। यह 24°20′ से 25°17′ उत्तर अक्षांश और 72°16′ से 73°10′ पूर्व देशांतर के बीच स्थित है।
सीमा:

  • उत्तर-पूर्व में पाली
  • पूर्व में उदयपुर
  • पश्चिम में जालौर
  • दक्षिण में गुजरात का बनासकांठा जिला

क्षेत्रफल:

सिरोही का कुल क्षेत्रफल 5136 वर्ग किमी है।
प्रशासनिक इकाइयाँ:
यह जिला 5 तहसीलों में विभाजित है:
सिरोही, शिवगंज, पिंडवाड़ा, आबूरोड, रेवदर


सिरोही का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

सिरोही नाम सिरणवा पहाड़ियों से लिया गया है, जिनकी पश्चिमी ढलान पर यह नगर बसा है।

  • 1405 ई. में राव सोभा जी (देवड़ा चौहानों के वंशज) ने सिरणवा पहाड़ी की पूर्वी ढलान पर शिवपुरी (जिसे अब खुबा कहते हैं) नामक नगर बसाया।
  • राव सोभा जी के पुत्र सहस्त्रमल ने सिरणवा पहाड़ी की पश्चिमी ढलान पर सिरोही नगर की स्थापना की और 1425 ई. (वैशाख शुक्ल द्वितीया, 1482 विक्रम संवत) को सिरोही किले की नींव रखी।
  • कालांतर में पूरा क्षेत्र देवड़ा चौहानों के अधीन आ गया और सिरोही नाम से प्रसिद्ध हुआ।

स्वतंत्रता के बाद सिरोही

  • स्वतंत्रता के बाद, सिरोही राज्य का प्रशासन 5 जनवरी 1949 से 25 जनवरी 1950 तक बॉम्बे सरकार के अधीन रहा।
  • प्रेमा भाई पटेल पहले प्रशासक नियुक्त हुए।
  • 1950 में सिरोही का राजस्थान में विलय हुआ।
  • 1 नवम्बर 1956 को राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर आबूरोड व देलवाड़ा तहसील को बॉम्बे राज्य में मिला दिया गया, जिससे जिले की वर्तमान स्थिति बनी।

सिरोही के शासकों की सूची

शासक का नामशासनकालविशेष टिप्पणी
राव दुर्जन सिंह1697 – 1705
राव उमेद सिंह I1705 – 1749
राव पृथ्वी सिंह1749 – 1773
राव ठाकर सिंह1773 – 1781
राव जगत सिंह1773 – 1782
राव वेरिसालजी II1782 – 1808
राव उदयभान सिंह1808 – 1847
राव श्यो सिंह (रिजेंट)1847 – 1862
राव उमेद सिंह (रिजेंट)1861 – 1862
राव उमेद सिंह II8 Dec 1862 – 16 Sep 1875
राव केशरी सिंह16 Sep 1875 – 1 Jul 1889
महाराव केशरी सिंह1 Jul 1889 – 29 Apr 1920
महाराव स्वरूप राम सिंह29 Apr 1920 – 23 Jan 1946
महाराव तेज राम सिंह5 May 1946 – 15 Aug 1947
महारानी कृष्णा5 May 1946 – 15 Aug 1947

सिरोही का भूगोल

सिरोही जिला पहाड़ियों और पथरीली पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है।

  • माउंट आबू का ग्रेनाइट मासिफ जिला को दो भागों में बाँटता है।
  • दक्षिण और दक्षिण-पूर्व भाग (माउंट आबू और अरावली के मुख्य भाग के बीच) पहाड़ी और बीहड़ है, जिसे पश्चिमी बनास नदी बहाती है।
  • आबूरोड (दिल्ली-अहमदाबाद रेल लाइन पर) पश्चिमी बनास की घाटी में स्थित है।
  • इस क्षेत्र में शुष्क पर्णपाती वन (dry deciduous forest) आम हैं, जबकि माउंट आबू की ऊँचाई पर शंकुधारी वन (conifer forests) पाए जाते हैं।
  • माउंट आबू के पश्चिम और उत्तर में स्थित क्षेत्र बारिश की छाया (rain shadow) में आता है, जहाँ कम वर्षा होती है।
  • दक्षिण-पश्चिम कोना सुकड़ी नदी द्वारा बहाया जाता है।
  • उत्तर-पश्चिमी भाग लूणी नदी की सहायक नदियों द्वारा बहाया जाता है।
  • यहाँ उत्तर-पश्चिमी कांटेदार झाड़ी वन (thorn scrub forests) फैले हैं।

मुख्य नदियाँ

  • जवाई, सुखड़ी, खारी, बोदी, कृष्णावती, कपालगंगा, बनास
  • सुकड़ी – माउंट आबू की पश्चिमी ढलान से निकलती है
  • बनास – दक्षिण-पूर्वी भाग में बहती है

मुख्य बाँध

  • बनास, ओडा, डांता, चंदेला, गिरवार, निबोड़ा, जावल, करौड़ीद्वाज, अंगोर

प्राकृतिक संसाधन और कृषि

सिरोही जिला खनिजों से समृद्ध है, जिसके कारण यहाँ खनिज आधारित उद्योग तेजी से विकसित हुए हैं।
मुख्य फसलें:

  • बाजरा, दालें, तिल, लाल मिर्च
  • यहाँ की जलवायु और मिट्टी इन फसलों के लिए उपयुक्त है।

सिरोही की जनसंख्या और सामाजिक स्थिति

वर्षकुल जनसंख्याजनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किमी)लिंगानुपात (1000 पुरुष पर महिलाएँ)साक्षरता दर (%)
201110,37,18520293856.02
  • जनसंख्या घनत्व – राजस्थान के औसत से कम
  • लिंगानुपात – 938 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष
  • साक्षरता दर – 56.02% (राजस्थान के औसत से कम)

सिरोही का प्रशासनिक ढांचा

तहसील का नामक्षेत्रीय विशेषता
सिरोहीजिला मुख्यालय, ऐतिहासिक स्थल
शिवगंजकृषि, व्यापारिक गतिविधियाँ
पिंडवाड़ाखनिज उद्योग, रेलवे जंक्शन
आबूरोडऔद्योगिक क्षेत्र, रेलवे स्टेशन
रेवदरग्रामीण क्षेत्र, कृषि

सिरोही की प्रमुख भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विशेषताएँ

माउंट आबू

  • सिरोही जिले का सबसे प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल
  • राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन
  • यहाँ का दिलवाड़ा जैन मंदिर, नक्की झील, गुरु शिखर आदि विश्व प्रसिद्ध हैं
  • यहाँ का मौसम, वनस्पति और जैव विविधता सिरोही को विशिष्ट बनाते हैं |

वनस्पति और वन्यजीव

  • शुष्क पर्णपाती वन (dry deciduous forests)
  • शंकुधारी वन (conifer forests) – माउंट आबू की ऊँचाई पर
  • कांटेदार झाड़ी वन – पश्चिमी और उत्तरी भाग में
  • वन्यजीवों में चीतल, सांभर, तेंदुआ, भालू, जंगली सूअर आदि पाए जाते हैं

सिरोही के प्रमुख आर्थिक संसाधन

  • खनिज आधारित उद्योग – जिले में खनिजों की प्रचुरता के कारण सीमेंट, पत्थर, ग्रेनाइट, टाइल्स आदि के उद्योग विकसित हुए हैं
  • कृषि – बाजरा, तिल, दालें, लाल मिर्च की खेती
  • पर्यटन – माउंट आबू, दिलवाड़ा मंदिर, नक्की झील आदि

सिरोही जिले के अध्ययन के लिए विशेष बिंदु

  • इतिहास: देवड़ा चौहानों की राजधानी, सिरणवा पहाड़ियों पर बसा नगर
  • भूगोल: पहाड़ी, बीहड़, विविध वनस्पति, कई नदियाँ और बाँध
  • प्रशासन: 5 तहसीलें, स्वतंत्रता के बाद प्रशासनिक पुनर्गठन
  • आर्थिक संसाधन: खनिज, कृषि, पर्यटन
  • जनसंख्या: कम घनत्व, औसत साक्षरता, संतुलित लिंगानुपात

सारांश तालिका: सिरोही के तथ्य

विषयविवरण
स्थानदक्षिण-पश्चिम राजस्थान
क्षेत्रफल5136 वर्ग किमी
सीमाएँपाली, उदयपुर, जालौर, बनासकांठा (गुजरात)
प्रमुख तहसीलेंसिरोही, शिवगंज, पिंडवाड़ा, आबूरोड, रेवदर
प्रमुख नदियाँजवाई, सुखड़ी, खारी, बोदी, बनास आदि
प्रमुख बाँधबनास, ओडा, डांता, चंदेला, गिरवार आदि
प्रमुख फसलेंबाजरा, दालें, तिल, लाल मिर्च
जनसंख्या (2011)10,37,185
लिंगानुपात938 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष
साक्षरता दर56.02%
प्रमुख स्थलमाउंट आबू, दिलवाड़ा मंदिर, नक्की झील

सिरोही जिला राजस्थान के ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। देवड़ा चौहानों की राजधानी, माउंट आबू जैसे प्राकृतिक स्थल, खनिज संपदा, कृषि, वन्यजीव और पर्यटन इसे विशिष्ट बनाते हैं।
यह जिला न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे भारत के लिए सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टि से अध्ययन योग्य है।
प्रतियोगी परीक्षाओं, सामान्य ज्ञान और राजस्थान अध्ययन के लिए सिरोही का गहन अध्ययन अत्यंत उपयोगी है।


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