श्रीगंगानगर राजस्थान का उत्तरतम जिला है, जिसे “राजस्थान का अन्न का कटोरा” कहा जाता है। यह जिला पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित है और अपनी समृद्ध कृषि, नियोजित नगर व्यवस्था, ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। श्रीगंगानगर जिले का मुख्यालय श्रीगंगानगर नगर है, जो बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह के नाम पर रखा गया है।
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श्रीगंगानगर: परिचय एवं प्रशासनिक संरचना
श्रीगंगानगर राजस्थान का उत्तरतम जिला है, जो अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, ऐतिहासिक महत्व और योजनाबद्ध नगर निर्माण के लिए प्रसिद्ध है।
यह जिला 28.4° से 30.6° उत्तर अक्षांश और 72.2° से 75.3° पूर्व देशांतर के बीच स्थित है।
पूर्व में हनुमानगढ़ (जो 12 जुलाई 1994 को श्रीगंगानगर से अलग हुआ), दक्षिण में बीकानेर, पश्चिम में पाकिस्तान के बहावलनगर और उत्तर में पंजाब इसकी सीमाएँ हैं।
कुल क्षेत्रफल लगभग 7984 वर्ग किलोमीटर है, जिसे 9 तहसीलों में विभाजित किया गया है:
श्रीगंगानगर, श्रीकरणपुर, सादुलशहर, पदमपुर, रायसिंहनगर, सूरतगढ़, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर और घड़साना।
श्रीगंगानगर का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
श्रीगंगानगर एक योजनाबद्ध नगर है, जिसका नाम बीकानेर के महाराजा श्री गंगा सिंह बहादुर के नाम पर रखा गया।
प्राचीन काल में यह क्षेत्र सरस्वती (आधुनिक घग्घर या हकरा) और दृषद्वती नदियों के किनारे बसा था।
यहाँ के कालीबंगा और रंगमहल जैसे स्थलों की खुदाई से यह प्रमाणित हुआ है कि सिंधु घाटी सभ्यता (इंडस वैली सिविलाइजेशन) यहाँ तक विस्तृत थी और यहाँ मोहनजोदड़ो-हड़प्पा जैसी संस्कृति के लोग निवास करते थे।
समय के साथ नदियाँ सूख गईं, जिससे यह क्षेत्र निर्जन और बंजर हो गया।मध्यकालीन इतिहास बीकानेर राज्य से जुड़ा है। राव बीका (राव जोधा के पुत्र) ने 1488 में बीकानेर की स्थापना की।आधुनिक श्रीगंगानगर जिला बीकानेर रियासत का हिस्सा था और राजस्थान राज्य के गठन के समय इसका निर्माण हुआ।
श्रीगंगानगर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
1. अनूपगढ़ किला
- अनूपगढ़ शहर में स्थित यह किला अब खंडहर में बदल चुका है।
- इसका निर्माण अनूप सिंह राठौड़ ने करवाया था।
- यह किला बीकानेर राज्य की पश्चिमी सीमा की रक्षा के लिए बनाया गया था।
2. लैला-मजनूं की मजार
- बिंजौर गाँव (अनूपगढ़ से 11 किमी पश्चिम) में स्थित यह मजार लैला-मजनूं के अमर प्रेम की प्रतीक है।
- मान्यता है कि लैला-मजनूं सिंध से यहाँ आए और यहीं दोनों की मृत्यु हुई।
- यहाँ हर वर्ष जून में मेला लगता है, जिसमें सैकड़ों नवविवाहित और प्रेमी जोड़े आशीर्वाद लेने आते हैं।
3. ब्रोर गाँव
- अनूपगढ़-रामसिंहपुर मार्ग पर स्थित यह गाँव सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ खुदाई में प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जो इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं।
4. गुरुद्वारा बुद्धा जोहड़ साहिब
- श्रीगंगानगर से 75 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा सिख धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है।
- यहीं भाई सुखा सिंह और मेहताब सिंह ने मासा रंगड़ (अमृतसर स्वर्ण मंदिर के अपमान का दोषी) का सिर लाकर 11 अगस्त 1740 को पेड़ पर लटका दिया था।
- इस विशाल गुरुद्वारे में हर मंजिल पर 22 स्तंभ हैं।
श्रीगंगानगर का भूगोल
श्रीगंगानगर जिला थार मरुस्थल के विस्तृत क्षेत्र का मैदानी भाग है।
पश्चिमी भाग में रेतीली मिट्टी और 4-5 मीटर ऊँचे रेत के टीले पाए जाते हैं।
उत्तर भाग में अधिकांश क्षेत्र वनों से आच्छादित है।
समुद्र तल से औसत ऊँचाई 168 से 227 मीटर है।
जलवायु
- यहाँ वर्ष भर प्रचंड तापमान परिवर्तन देखने को मिलता है।
- शीत ऋतु (नवंबर से मार्च), ग्रीष्म ऋतु (अप्रैल से जून), वर्षा ऋतु (जुलाई से मध्य सितंबर), वर्षा उपरांत (मध्य सितंबर से अक्टूबर)।
- औसत वार्षिक वर्षा: 20.70 सेंटीमीटर
- अधिकतम तापमान (गर्मी में): 48.4°C
- न्यूनतम तापमान (सर्दी में): 0.6°C
- यहाँ गर्मियों में लू और सर्दियों में कड़ाके की ठंड पड़ती है।
श्रीगंगानगर की प्रशासनिक एवं भौगोलिक संरचना (तालिका)
विषय | विवरण |
---|---|
राज्य | राजस्थान |
कुल क्षेत्रफल | 7984 वर्ग किमी |
समुद्र तल से ऊँचाई | 168-227 मीटर |
सीमाएँ | पूर्व – हनुमानगढ़, दक्षिण – बीकानेर, पश्चिम – बहावलनगर (पाकिस्तान), उत्तर – पंजाब |
प्रमुख तहसीलें | श्रीगंगानगर, श्रीकरणपुर, सादुलशहर, पदमपुर, रायसिंहनगर, सूरतगढ़, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर, घड़साना |
प्रमुख नदियाँ | घग्घर (सरस्वती), दृषद्वती (अब सूखी) |
औसत वार्षिक वर्षा | 20.70 सेमी |
अधिकतम तापमान | 48.4°C |
न्यूनतम तापमान | 0.6°C |
श्रीगंगानगर के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थल (तालिका)
स्थल | विशेषता/महत्व |
---|---|
अनूपगढ़ किला | अनूप सिंह राठौड़ द्वारा निर्मित, बीकानेर राज्य की पश्चिमी सीमा की रक्षा हेतु |
लैला-मजनूं मजार | बिंजौर गाँव, प्रेम की अमर गाथा, जून में मेला |
ब्रोर गाँव | सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष |
गुरुद्वारा बुद्धा जोहड़ | सिख धर्म का प्रमुख तीर्थ, भाई सुखा सिंह व मेहताब सिंह की ऐतिहासिक घटना |
श्रीगंगानगर का ऐतिहासिक महत्व और विकास
- सिंधु घाटी सभ्यता के विस्तार का प्रमुख केंद्र।
- सरस्वती और दृषद्वती नदियों के किनारे बसी प्राचीन सभ्यता के प्रमाण।
- बीकानेर रियासत का हिस्सा, राव बीका द्वारा 1488 में बीकानेर की स्थापना के बाद इस क्षेत्र का समावेश।
- महाराजा गंगा सिंह के नाम पर योजनाबद्ध नगर निर्माण, जिससे यह क्षेत्र आधुनिक सिंचाई और कृषि का केंद्र बना।
जलवायु एवं कृषि पर प्रभाव
- कम वर्षा और अत्यधिक तापमान के कारण यहाँ कृषि के लिए सिंचाई की विशेष व्यवस्था की गई।
- इंदिरा गांधी नहर (पूर्व में राजस्थान नहर) के निर्माण के बाद श्रीगंगानगर को “राजस्थान का अन्नदाता” कहा जाने लगा।
- यहाँ गेहूँ, कपास, सरसों, गन्ना आदि प्रमुख फसलें होती हैं।
सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक स्थल
- लैला-मजनूं की मजार प्रेम और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है।
- गुरुद्वारा बुद्धा जोहड़ सिखों के लिए पवित्र स्थल।
- हर वर्ष यहाँ मेलों और धार्मिक आयोजनों में विभिन्न समुदायों की भागीदारी होती है।
श्रीगंगानगर राजस्थान का एक महत्वपूर्ण जिला है, जो ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है।
यहाँ की सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष, योजनाबद्ध नगर, प्रसिद्ध किले, मजारें और गुरुद्वारे इसकी ऐतिहासिक विरासत को दर्शाते हैं।
इंदिरा गांधी नहर के कारण यह जिला आज राजस्थान के सबसे उपजाऊ और समृद्ध जिलों में गिना जाता है।
श्रीगंगानगर का अध्ययन प्रतियोगी परीक्षाओं, सामान्य ज्ञान और राजस्थान के क्षेत्रीय अध्ययन के लिए अत्यंत उपयोगी है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- श्रीगंगानगर का नामकरण, प्रशासनिक विभाजन, ऐतिहासिक स्थल, भूगोल, जलवायु, कृषि, सांस्कृतिक विविधता – सभी परीक्षोपयोगी तथ्यों का समावेश।
- तालिकाएँ विषयवस्तु को संक्षिप्त और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करती हैं।
- महत्वपूर्ण शब्दों को बोल्ड और इटैलिक किया गया है, जिससे रिवीजन में आसानी हो।