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अजमेर का परिचय
अजमेर, राजस्थान के हृदय स्थल पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपने धार्मिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह तरागढ़ की पहाड़ियों की ढलानों पर बसा हुआ है। अजमेर की भौगोलिक स्थिति 26°27′ उत्तरी अक्षांश और 74°44′ पूर्वी देशांतर पर है, तथा समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 200 मीटर है।
सीमाएँ
दिशा | सीमावर्ती जिले |
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पूर्व | टोंक और जयपुर |
उत्तर | नागौर |
पश्चिम | पाली |
दक्षिण | राजसमंद और भीलवाड़ा |
अजमेर का इतिहास
प्रारंभिक काल
- 7वीं सदी में चौहान वंश के अजयपाल ने अजमेर की स्थापना की और तरागढ़ किला बनवाया।
- राव बीलुंडेव ने महमूद गजनवी के आक्रमणों से अजमेर की रक्षा की।
- पृथ्वीराज चौहान ने 1178 ईस्वी में 13 वर्ष की आयु में गद्दी संभाली और तराइन के पहले युद्ध (1191) में मुहम्मद गौरी को हराया, परंतु दूसरे युद्ध (1192) में पराजित हो गए।
मध्यकाल
- ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती ने अजमेर में चिश्ती सूफी परंपरा की स्थापना की।
- 1193 में अजमेर दिल्ली सल्तनत के अधीन आया लेकिन चौहान शासक स्वायत्तता बनाए रखने में सफल रहे।
- 1559 में अजमेर पर मुग़ल बादशाह अकबर ने अधिकार किया।
- 1616 में सम्राट जहांगीर ने अजमेर में अंग्रेज राजदूत सर थॉमस रो से मुलाकात की, जिससे भारत में अंग्रेजी व्यापार का द्वार खुला।
ब्रिटिश काल
- 1818 में अजमेर ब्रिटिश शासन में शामिल हुआ और अजमेर-मेरवाड़ा प्रांत बना।
- 1950 में अजमेर को एक अलग राज्य का दर्जा मिला और 1 नवंबर 1956 को यह राजस्थान का हिस्सा बना।
अजमेर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
तरागढ़ किला
तरागढ़ किला, भारत के सबसे पुराने पहाड़ी किलों में से एक है, जिसे चौहान राजा अजयपाल ने बनवाया था। बाद में इसे अकबर द्वारा पुनर्निर्मित भी किया गया।
महत्वपूर्ण विशेषताएँ:
- किले की परिधि लगभग 3 किलोमीटर है।
- ब्रिटिश शासनकाल में इसे तोड़कर सैनिटोरियम में बदल दिया गया था।
अढ़ाई दिन का झोपड़ा
- इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 ईस्वी में करवाया था।
- बाद में इल्तुतमिश ने 1213 ईस्वी में इसे सुंदर नक़्काशीदार मेहराबों से सजाया।
- इसे पुराने मंदिरों के अवशेषों से बनाया गया है।
अजमेर शरीफ दरगाह
- यह ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है।
- अकबर हर वर्ष पैदल यात्रा कर यहाँ आया करते थे।
- दरगाह में सुंदर संगमरमर के गुंबद और भव्य प्रवेश द्वार हैं।
अकबरी किला एवं संग्रहालय
- 1570 में अकबर द्वारा बनवाया गया था।
- हल्दीघाटी युद्ध की रणनीति यहीं तैयार हुई थी।
- अब इसे संग्रहालय में बदल दिया गया है जिसमें मुग़ल और राजपूत कालीन हथियार और मूर्तियाँ रखी गई हैं।
सोनी जी की नसियां
- जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव को समर्पित यह भव्य जैन मंदिर है।
- यहाँ का स्वर्ण नगरी (City of Gold) कक्ष विशेष रूप से प्रसिद्ध है जिसमें सोने की परत चढ़ी आकृतियाँ हैं।
अजमेर के मेले और त्यौहार
पुष्कर मेला
विशेषता | विवरण |
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स्थान | पुष्कर |
समय | कार्तिक पूर्णिमा (अक्टूबर-नवंबर) |
मुख्य आकर्षण | ऊँट दौड़, मटका फोड़ प्रतियोगिता,Longest Mustache प्रतियोगिता |
विशेष सूचना: पुष्कर मेला भारत का सबसे बड़ा पशु मेला है।
उर्स मेला
अजमेर उर्स ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की पुण्यतिथि पर आयोजित होता है। यह भारत का सबसे बड़ा मुस्लिम मेला है। इस अवसर पर कव्वालियाँ, संदल चढ़ाना और विशेष प्रार्थनाएँ होती हैं।
अजमेर का भूगोल
- पूर्वी भाग सामान्यतः समतल है।
- पश्चिमी भाग में अरावली पर्वतमाला फैली हुई है।
- नागपथर पहाड़ियाँ रेगिस्तान से अजमेर की रक्षा करती हैं।
प्रमुख पर्वत शिखर
शिखर | विवरण |
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तरागढ़ | अजमेर का प्रसिद्ध शिखर |
टोडगढ़ | टोडगढ़-रावली वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में स्थित |
अजमेर की नदियाँ
नदी | विवरण |
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बनास नदी | अजमेर के दक्षिण-पूर्व सीमा पर |
खारी नदी | अजमेर और भीलवाड़ा के बीच सीमा बनाती है |
लूणी नदी | नागपथर घाटी से उद्गम |
दई नदी | बनास नदी में मिलती है |
रुपनगढ़ नदी | सांभर झील में गिरती है |
अजमेर के प्राकृतिक स्थल
आनासागर झील
- अर्नोराज चौहान द्वारा 1135-1150 ईस्वी में निर्मित।
- जहांगीर ने इसके किनारे दौलत बाग बनवाया।
- झील के बीच में एक सुंदर द्वीप भी है।
फॉय सागर झील
- 1892 ईस्वी में इंजीनियर फॉय द्वारा अकाल राहत कार्य के तहत बनवाई गई थी।
- यहाँ से अरावली पर्वतमाला का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
पुष्कर झील
- पुष्कर शहर के केंद्र में स्थित।
- “तीर्थराज” के नाम से प्रसिद्ध।
- धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण।
टोडगढ़-रावली वन्यजीव अभयारण्य
- तीन जिलों (पाली, अजमेर, राजसमंद) में फैला हुआ।
- क्षेत्रफल 475.2 वर्ग किलोमीटर।
- मुख्य जीव: तेंदुआ, लकड़बग्घा, भेड़िया आदि।
अजमेर के प्राकृतिक संसाधन
खनिज | विवरण |
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क्वार्ट्ज | प्रमुख उत्पादक जिला |
फेल्डस्पार | अग्रणी उत्पादक |
अन्य | चूना पत्थर, ग्रेनाइट, संगमरमर, अभ्रक आदि |
अजमेर की जनसंख्या
वर्ग | प्रतिशत/संख्या |
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शहरी जनसंख्या (2011) | 551,360 |
शहर जनसंख्या (2011) | 542,580 |
पुरुष साक्षरता | 82.4% |
महिला साक्षरता | 55.7% |
कुल साक्षरता दर | 69.3% |
निष्कर्ष
अजमेर जिला न केवल राजस्थान का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक केंद्र है, बल्कि अपने प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है। प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे RAS, RPSC, SSC आदि के लिए इस जिले का विस्तृत अध्ययन अत्यंत लाभकारी रहेगा।