भरतपुर जिला ( Bharatpur Jila Darshan ): पूर्वी प्रवेश द्वार

By RR Classes

Updated on:

भरतपुर राजस्थान का एक महत्वपूर्ण जिला है, जिसे राज्य का “पूर्वी प्रवेश द्वार” भी कहा जाता है। यह अपनी ऐतिहासिक धरोहर, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। भरतपुर पक्षियों के लिए स्वर्ग माना जाता है और यह राजस्थान के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

भौगोलिक स्थिति, क्षेत्रफल एवं प्रशासनिक संरचना

  • अक्षांश: 26°22′ से 27°83′ उत्तरी
  • देशांतर: 76°53′ से 78°17′ पूर्वी
  • समुद्र तल से ऊँचाई: 100 मीटर
  • सीमाएँ:
    • उत्तर-पश्चिम में अलवर
    • उत्तर में गुरुग्राम (हरियाणा)
    • पूर्व में मथुरा (उत्तर प्रदेश)
    • दक्षिण में आगरा (उत्तर प्रदेश) और धौलपुर (राजस्थान)
    • दक्षिण-पश्चिम में दौसा
  • क्षेत्रफल: 5066 वर्ग किमी
  • प्रशासनिक विभाजन: 11 तहसीलें – भरतपुर, भुसावर, बयाना, डीग, कामां, कुम्हेर, नगर, नदबई, पहाड़ी, रूपबास और वैर।

तहसील सारणी

क्रमांकतहसीलमुख्य विशेषता
1भरतपुरजिला मुख्यालय
2भुसावरकृषि क्षेत्र
3बयानाऐतिहासिक स्थल
4डीगजल महल
5कामांकृष्ण लीलाओं से संबंधित
6कुम्हेरऐतिहासिक किले
7नगरप्राचीन मंदिर
8नदबईकृषि और व्यापार
9पहाड़ीपहाड़ी क्षेत्र
10रूपबासपत्थर उद्योग
11वैरऐतिहासिक युद्ध स्थल

भरतपुर का इतिहास

  • पौराणिक संबंध: महाभारत काल में पांडवों का निवास स्थान और मत्स्य जनपद का हिस्सा।
  • नामकरण:भरत” के नाम पर भरतपुर का नामकरण हुआ।
  • जाट शासन: 17वीं शताब्दी में जाटों का उदय, चूड़ामन और बदन सिंह के नेतृत्व में शक्ति का विस्तार।
  • राजघराना: भरतपुर के राजघराने के कुल देवता भगवान लक्ष्मण हैं।

प्रमुख शासक

शासक का नामशासनकालयोगदान
राजा राम1670–1688
चूड़ामन1695–1721जाट शक्ति का विस्तार, मुगल बादशाह द्वारा हत्या
बदन सिंह1722–1756शक्तिशाली जाट नेता
महाराजा सूरज मल1756–1767भरतपुर किले की स्थापना, खेमकरण को पराजित किया
महाराजा जवाहर सिंह1767–1768
महाराजा रणजीत सिंह1776–1805
महाराजा किशन सिंह1900–1929
महाराजा बृजेन्द्र सिंह1929–1947मत्स्य संघ का गठन (अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली को मिलाकर)

भरतपुर के ऐतिहासिक स्थल

1. लोहागढ़ किला

  • 1733 में जाट राजा सूरजमल द्वारा निर्मित।
  • ब्रिटिशों द्वारा कई बार आक्रमण किया गया, अंततः आर्थर वेलेस्ली द्वारा जीता गया।
  • महाराजा जवाहर सिंह 1765 में दिल्ली से दरवाजा लाए।
  • किले के अंदर कोठी खास, महल खास, मोती महल और किशोरी महल स्थित हैं।
  • जवाहर बुर्ज और फतेह बुर्ज मुगलों और अंग्रेजों पर विजय के स्मारक हैं।

2. गंगा मंदिर

  • 19वीं सदी में महाराजा बलवंत सिंह द्वारा निर्माण शुरू।
  • सफेद संगमरमर से बनी गंगा महारानी की मूर्ति स्थापित।

3. भरतपुर महल और संग्रहालय

  • विभिन्न महाराजाओं द्वारा निर्मित, मुगल और राजपूत वास्तुकला का मिश्रण।
  • संग्रहालय (कमरा खास) में 581 पत्थर की मूर्तियाँ, 861 स्थानीय कलाकृतियाँ और प्राचीन पांडुलिपियाँ हैं।

4. लक्ष्मण मंदिर

  • भगवान राम के भाई लक्ष्मण को समर्पित, राजस्थानी शैली की वास्तुकला और गुलाबी पत्थर का उपयोग।

5. डीग

  • भरतपुर के उत्तर में स्थित सुंदर उद्यान शहर।
  • राजा सूरज मल द्वारा निर्मित किला, जो खाई और द्वारों से घिरा है।
  • किले के अंदर एक घड़ी टॉवर है, जहाँ से शहर का दृश्य दिखाई देता है।

6. कामां

  • भरतपुर के उत्तर में स्थित, ब्रज क्षेत्र का हिस्सा, जहाँ भगवान कृष्ण ने अपना बचपन बिताया।
  • चौरासी खंभा मंदिर यहाँ का मुख्य आकर्षण है।

भरतपुर के मेले और त्यौहार

1. ब्रज होली महोत्सव

  • फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष के दौरान, होली से कुछ दिन पहले।
  • भगवान कृष्ण को समर्पित, रासलीला नृत्य मुख्य आकर्षण है।

भरतपुर का भूगोल

  • भरतपुर और नदबई का भूभाग समतल है, जबकि बयाना और रूपबास तहसीलों में पहाड़ियाँ हैं।
  • बंगांगा, रूपारेल, कंकुद, गंभीर और पार्वती यहाँ की मौसमी नदियाँ हैं।
  • ककुंद नदी पर बंध बारेठा बांध पेयजल और सिंचाई के लिए बनाया गया है।
  • बानगंगा जयपुर की रामगढ़ पहाड़ियों से निकलती है और दौसा और भरतपुर जिलों से होकर यमुना नदी में मिलती है।
  • रूपारेल नदी अलवर जिले की उदयनाथ पहाड़ियों से निकलती है और कामां तहसील में प्रवेश करती है।
  • गंभीर नदी करौली जिले के पांचना बांध से निकलती है और बयाना तहसील में बानगंगा से मिलती है।

नदी सारणी

नदी का नामउद्गम स्थलविशेषता
बानगंगारामगढ़ की पहाड़ियां (जयपुर)यमुना में मिलती है
रूपारेलउदयनाथ पहाड़ियां (अलवर)कामां तहसील में प्रवेश करती है
गंभीरपांचना बांध (करौली)बानगंगा से मिलती है

भरतपुर के प्राकृतिक स्थल

1. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo Ghana National Park)

  • विश्व के सबसे समृद्ध पक्षी क्षेत्रों में से एक, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, रामसर वेटलैंड और मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड में शामिल।
  • सर्दियों में हजारों प्रवासी जलपक्षी आते हैं।
  • 18वीं शताब्दी में अजान बांध का निर्माण किया गया।
  • उत्तर में बानगंगा और दक्षिण में गंभीर नदी से घिरा है।

2. बंध बारेठा

  • भरतपुर के शासकों का पुराना वन्यजीव अभ्यारण्य, वन विभाग के अधीन।
  • 1866 में महाराजा जसवंत सिंह द्वारा बांध का निर्माण शुरू, 1897 में महाराजा राम सिंह द्वारा पूरा किया गया।
  • महाराजा किशन सिंह द्वारा अभ्यारण्य के अंदर महल का निर्माण।
  • 200 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें ब्लैक बिटर्न भी शामिल है।

प्राकृतिक संपदा सारणी

खनिज का नामप्राप्ति स्थानउपयोग
शोरा (Saltpeter)बयाना, कामां, वैरउर्वरक और विस्फोटक
तांबा (Copper)बयानाविद्युत उपकरण
सीसा (Lead)बयानाबैटरी और केबल

भरतपुर की जनसंख्या

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, भरतपुर की जनसंख्या 25,49,121 है।
  • औसत साक्षरता दर 82.13% है, जिसमें पुरुष साक्षरता 90.41% और महिला साक्षरता 72.80% है।
  • यहाँ हिंदी और ब्रज भाषाएँ बोली जाती हैं।

जनसंख्या सांख्यिकी सारणी

विशेषताआँकड़ा
कुल जनसंख्या25,49,121
औसत साक्षरता दर82.13%
पुरुष साक्षरता दर90.41%
महिला साक्षरता दर72.80%

निष्कर्ष

भरतपुर राजस्थान का एक महत्वपूर्ण जिला है, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र पर्यटकों, इतिहासकारों और पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है।

  1. राजस्थान चूरू जिला ( Churu Jila Darshsan ): अध्ययन नोट्स

नोट:
यह अध्ययन नोट्स प्रतियोगी परीक्षाओं एवं सामान्य अध्ययन के लिए अत्यंत उपयोगी है।
महत्वपूर्ण शब्दों को पढ़ते समय उन्हें बार-बार दोहराएँ और नक्शे के साथ अभ्यास करें।

Leave a Comment

WhatsApp
error: Please do not play.