चूरू राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण जिला है, जो थार मरुस्थल के केंद्र में स्थित है। यह जिला अपनी गर्मी, रेगिस्तानी संस्कृति, ऐतिहासिक किलों और लोक कला के लिए प्रसिद्ध है। चूरू को राजस्थान का “दरवाजा” भी कहा जाता है क्योंकि यह राज्य के उत्तर-पश्चिमी प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
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भौगोलिक स्थिति एवं क्षेत्रफल
- अक्षांश: 27°37′ से 29°03′ उत्तर
- देशांतर: 73°08′ से 75°12′ पूर्व
- क्षेत्रफल: 14,218 वर्ग किलोमीटर
- सीमाएँ:
- उत्तर में हरियाणा के फतेहाबाद और हिसार जिले
- पूर्व में हनुमानगढ़
- दक्षिण में बीकानेर
- पश्चिम में जैसलमेर और बीकानेर
- जलवायु: अत्यंत शुष्क, गर्मी में तापमान 50°C तक पहुंचता है, सर्दी में तापमान 2°C तक गिर जाता है।
प्रशासनिक संरचना
- तहसीलें: 7
- चूरू
- राजगढ़
- तिजारा
- सादुलशहर
- सूरजगढ़
- रामगढ़
- खेजड़ला
- जनसंख्या (2011): लगभग 19.46 लाख
- जनसंख्या घनत्व: 137 प्रति वर्ग किलोमीटर
प्रशासनिक सारणी
तहसील | मुख्य केंद्र | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) | जनसंख्या (2011) |
---|---|---|---|
चूरू | चूरू शहर | 2,500 | 5,00,000 |
राजगढ़ | राजगढ़ | 2,200 | 3,00,000 |
तिजारा | तिजारा | 2,000 | 2,50,000 |
सादुलशहर | सादुलशहर | 1,800 | 2,00,000 |
सूरजगढ़ | सूरजगढ़ | 1,700 | 2,00,000 |
रामगढ़ | रामगढ़ | 2,000 | 2,00,000 |
खेजड़ला | खेजड़ला | 2,000 | 1,96,000 |
इतिहास
- चूरू का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा है। यह क्षेत्र राजपूत और मुगल काल के दौरान एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थल रहा है।
- चूरू का किला 17वीं शताब्दी में बनाया गया था, जो अपनी मजबूत किलेबंदी और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ के शासकों ने कई बार मराठों, मुगलों और अंग्रेजों के साथ युद्ध लड़ा।
- चूरू को राजस्थान के ठाकुर और राजपूत परिवारों का गढ़ माना जाता है।
प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
1. चूरू किला
- 17वीं सदी में बनवाया गया, यह किला अपनी मजबूत दीवारों, बुर्जों और प्राचीन स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।
- किले के अंदर महल, मंदिर, बारादरी और तालाब स्थित हैं।
- किले की दीवारों पर सुंदर फ्रेस्को पेंटिंग्स और मीनाकारी की गई हैं।
2. सूरजगढ़ किला
- सूरजगढ़ तहसील में स्थित, यह किला भी 17वीं सदी का है।
- यहाँ की वास्तुकला में राजपूत और मुस्लिम शैली का मिश्रण देखने को मिलता है।
- किले के अंदर एक बड़ा तालाब और कई प्राचीन मंदिर हैं।
3. राजगढ़ किला
- राजगढ़ तहसील में स्थित, यह किला भी ऐतिहासिक महत्व का है।
- यह किला अपने गढ़वाले ढांचे और मजबूत किलेबंदी के लिए जाना जाता है।
- किले के आसपास कई पुराने मंदिर और बावड़ी स्थित हैं।
भूगोल एवं जलवायु
- चूरू जिला थार मरुस्थल का हिस्सा है, यहाँ की भूमि मुख्यतः रेतीली और शुष्क है।
- यहाँ की जलवायु अत्यंत गर्म और शुष्क है, वर्षा कम होती है।
- तापमान गर्मी में 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और सर्दियों में 2 डिग्री तक गिर जाता है।
- जिले में कई नदियाँ नहीं हैं, मुख्य जल स्रोत कुएं, तालाब और बावड़ी हैं।
- लूनी नदी जिला के कुछ हिस्सों से होकर गुजरती है लेकिन यह मुख्य जल स्रोत नहीं है।
प्राकृतिक संसाधन
- चूरू में मुख्यतः रेत, सिलिका, और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं।
- यहाँ की मिट्टी रेतीली और कम उपजाऊ है, इसलिए कृषि सीमित है।
- जिले में पशुपालन और कुम्हारों का व्यवसाय प्रमुख है।
सांस्कृतिक विरासत
- चूरू की लोक संस्कृति में ठेठ मारवाड़ी रंग दिखाई देता है।
- यहाँ के लोग पारंपरिक राजस्थानी पोशाक, लोक संगीत और नृत्य में माहिर हैं।
- फाग, तीज, गणगौर और दीपावली यहाँ के प्रमुख त्योहार हैं।
- मीनाकारी, फ्रेस्को पेंटिंग और हाथ से बने वस्त्र यहाँ की हस्तकला के प्रमुख उदाहरण हैं।
प्रमुख मेले और उत्सव
1. फाग महोत्सव
- फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है।
- लोक गीत, नृत्य और रंगों से भरा यह उत्सव चूरू की सांस्कृतिक पहचान है।
2. तीज उत्सव
- सावन के महीने में मनाया जाता है।
- महिलाओं द्वारा पारंपरिक गीत और नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं।
3. दीपावली
- पूरे जिले में दीपावली बड़े धूमधाम से मनाई जाती है।
- घरों और बाजारों को रंगीन रोशनी से सजाया जाता है।
आर्थिक स्थिति
- चूरू की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, पशुपालन और हस्तशिल्प पर आधारित है।
- यहाँ गेहूँ, बाजरा, ज्वार, सरसों आदि की खेती होती है।
- पशुपालन में ऊँट, भेड़ और बकरी प्रमुख हैं।
- हस्तशिल्प में मीनाकारी, कुम्हार कला और वस्त्र उद्योग शामिल हैं।
- जिले में छोटे पैमाने पर उद्योग भी हैं, जैसे रेत का खनन।
शिक्षा और स्वास्थ्य
- जिले में कई सरकारी और निजी विद्यालय हैं।
- उच्च शिक्षा के लिए चूरू में कॉलेज और तकनीकी संस्थान उपलब्ध हैं।
- स्वास्थ्य सुविधाओं में जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।
परिवहन
- चूरू रेलवे स्टेशन राजस्थान के प्रमुख रेलवे नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य मार्गों से जिले का अच्छा संपर्क है।
- जिले में बस सेवा व्यापक रूप से उपलब्ध है।
चूरू जिले से संबंधित सारणी
विषय | विवरण |
---|---|
क्षेत्रफल | 14,218 वर्ग किलोमीटर |
जनसंख्या | लगभग 19.46 लाख (2011) |
जनसंख्या घनत्व | 137 प्रति वर्ग किलोमीटर |
मुख्य तहसीलें | 7 |
मुख्य नदियाँ | लूनी नदी (सीमांत) |
मुख्य उद्योग | कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, रेत खनन |
प्रमुख तहसीलों का विवरण
तहसील | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) | जनसंख्या (लगभग) | प्रमुख विशेषताएँ |
---|---|---|---|
चूरू | 2,500 | 5,00,000 | जिला मुख्यालय, प्रशासनिक केंद्र |
राजगढ़ | 2,200 | 3,00,000 | ऐतिहासिक स्थल, कृषि क्षेत्र |
तिजारा | 2,000 | 2,50,000 | सीमावर्ती क्षेत्र |
सादुलशहर | 1,800 | 2,00,000 | व्यापारिक केंद्र |
सूरजगढ़ | 1,700 | 2,00,000 | ऐतिहासिक किला |
रामगढ़ | 2,000 | 2,00,000 | कृषि प्रधान क्षेत्र |
खेजड़ला | 2,000 | 1,96,000 | ग्रामीण क्षेत्र |
निष्कर्ष
चूरू जिला राजस्थान के थार मरुस्थल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अपनी ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक समृद्धि और प्राकृतिक विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यहाँ की गर्मी, रेगिस्तानी जीवनशैली और लोक कला इसे अन्य जिलों से अलग पहचान देती है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह अध्ययन नोट्स अत्यंत उपयोगी हैं।
नोट:
महत्वपूर्ण शब्दों और तथ्यों को बार-बार दोहराएं, नक्शे और सारणियों के साथ अभ्यास करें ताकि चूरू जिले का समग्र ज्ञान प्राप्त हो सके।