जैसलमेर जिला: इतिहास, भूगोल, प्रशासन, खनिज, दर्शनीय स्थल एवं संस्कृति – सम्पूर्ण अध्ययन नोट्स

By RR Classes

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जैसलमेर राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है, जो थार मरुस्थल के हृदय में स्थित है। इसे “स्वर्ण नगरी” (Golden City) भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ की इमारतें और किले पीले बलुआ पत्थर से बने हैं, जो सूर्य की रोशनी में सुनहरे रंग के प्रतीत होते हैं। जैसलमेर अपनी ऐतिहासिक धरोहर, स्थापत्य कला, जीवंत संस्कृति और पर्यटन स्थलों के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

स्थान, क्षेत्रफल एवं प्रशासन

  • जैसलमेर जिला 26°.4’ –28°.23′ उत्तर अक्षांश और 69°.20′-72°.42′ पूर्व देशांतर के बीच स्थित है।
  • दक्षिण में बाड़मेर, पूर्व में जोधपुर, उत्तर-पूर्व में बीकानेर और पश्चिम में पाकिस्तान इसकी सीमाएँ हैं।
  • 471 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है।
  • 38,401 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ यह राजस्थान का सबसे बड़ा और भारत का तीसरा सबसे बड़ा जिला है।
  • प्रशासनिक दृष्टि से जैसलमेर को 4 तहसीलों में बाँटा गया है: जैसलमेर, पोकरण, फतेहगढ़, भणियाणा
तहसील का नामविशेषता
जैसलमेरजिला मुख्यालय, पर्यटन केंद्र
पोकरणऐतिहासिक एवं सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण
फतेहगढ़खनिज संपदा एवं ग्रामीण क्षेत्र
भणियाणाकृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र

इतिहास: जैसलमेर का गौरवशाली अतीत

  • 1156 ई. में भट्टी राजपूत वंश के रावल जैसल ने लोधरवा के स्थान पर जैसलमेर नगर और किले की स्थापना की।
  • जैसलमेर का इतिहास मध्यकालीन व्यापारिक केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध है।
  • यहाँ तीन प्रमुख जौहर (साका) हुए-
    • 1295: अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण पर पहला जौहर
    • द्वितीय जौहर: फिरोजशाह तुगलक के आक्रमण पर
    • 1530-51: अफगान सरदार अमीर अली के आक्रमण पर ‘आधा जौहर’ (साको)
  • अकबर के काल में जैसलमेर ने मुगल अधीनता स्वीकार की।
  • ब्रिटिश काल में 1819 में जैसलमेर ने अंग्रेजों से संधि की।
  • 1949 में भारत संघ में विलय।
शासक का नामकाल/विशेषता
रावल जैसल1156-68, संस्थापक
राव जैतसी1276, खिलजी के आक्रमण का सामना, प्रथम जौहर
रावल लूनकरण1530-51, आधा जौहर, अमीर अली के विरुद्ध
रावल हरराज1562-78, अकबर के अधीन
महारावल अमर सिंह1661-1702
महारावल मुलराज सिंह II1762-1819, ब्रिटिश संधि
महारावल शलिवाहन सिंह III1891-1914
महारावल सर जवाहर सिंह1914-1949, भारत में विलय

भूगोल एवं जलवायु

  • थार मरुस्थल का केंद्र, चारों ओर रेत के टीलों और रेतीली भूमि से घिरा हुआ।
  • पश्चिमी भाग में ऊँचे-नीचे रेत के टीले, पूर्वी भाग में घास के गुच्छे।
  • जलवायु अत्यंत शुष्क एवं गर्म है।
  • बारहमासी नदी नहीं, केवल काकनी नदी (छोटी, 28 मील बहती है)।
  • औसत कुओं की गहराई 250 फीट (लगभग 76 मीटर) है।
  • इंदिरा गांधी नहर परियोजना के कारण उत्तरी भाग में सिंचाई संभव हुई है।
  • वार्षिक वर्षा: अत्यंत कम, कृषि सीमित।
भौगोलिक तथ्यविवरण
क्षेत्रफल38,401 वर्ग किमी
जलवायुशुष्क, गर्म, मरुस्थली
प्रमुख नदीकाकनी (छोटी)
अंतरराष्ट्रीय सीमा471 किमी (पाकिस्तान)

खनिज संपदा एवं प्राकृतिक संसाधन

जैसलमेर जिला खनिजों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। यहाँ के प्रमुख खनिज निम्नलिखित हैं:

खनिज/संसाधनप्रमुख क्षेत्र/उपयोग
जिप्सममोहनगढ़, फालसुंड, नोख, रामगढ़, सट्टा, सुंदरा
सेलेनाइटमोहनगढ़, रामगढ़, खुइयाला, रूपसी
बेंटोनाइटखुइयाला, मंडा, खुरी, रामगढ़
फुलर्स अर्थखुइयाला, मंडा, रामगढ़, सानू
सफेद चिकनी मिट्टीकीता, देविकोट
सिलिसियस अर्थधारिवी, मंडाई, सजीत
ग्लास सैंडलाठी, देविकोट, पिथल
डोलोमाइटिक क्लेचाचा, उदनिया
पीला गेरूमंडा
फॉस्फोराइटबीरमाणिया, फतेहगढ़
जैस्परचाचा, रामदेवरा, पोकरण
ज्वालामुखीय राखफालसुंड, दंतल, फुलासर
पीला संगमरमरमूसागर, अमरसागर, चूंडी
स्टील ग्रेड चूना पत्थरसानू, हाबूर, खुइयाला
सीमेंट ग्रेड चूना पत्थरजैसलमेर, मूसागर, अमरसागर
ग्रेनाइटलखा, रांधा, मैहरों की ढाणी
प्राकृतिक गैसरामगढ़, तनोत, घोटारू
  • जैसलमेर में प्राकृतिक गैस के भंडार भी पाए गए हैं, जिससे यहाँ 35 मेगावाट क्षमता का गैस आधारित विद्युत संयंत्र स्थापित है।
  • पीला बलुआ पत्थर (Yellow Sandstone) के कारण ही जैसलमेर को “स्वर्ण नगरी” कहा जाता है।

जनसंख्या एवं सामाजिक संरचना

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, जैसलमेर जिले की कुल जनसंख्या 6,72,008 थी।
  • जनसंख्या घनत्व मात्र 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी (राजस्थान में सबसे कम)।
  • लिंगानुपात 849 (1000 पुरुषों पर 849 महिलाएँ)।
  • साक्षरता दर 58.04%।
  • जनसंख्या वृद्धि दर (2001-2011): 32.22%।
वर्षकुल जनसंख्याजनसंख्या घनत्वलिंगानुपातसाक्षरता दर (%)
20116,72,0081784958.04

प्रशासनिक व्यवस्था

  • जिला मुख्यालय: जैसलमेर शहर
  • 4 तहसीलें: जैसलमेर, पोकरण, फतेहगढ़, भणियाणा।
  • 744 गाँव, 140 ग्राम पंचायतें
  • 3 पंचायत समितियाँ: जैसलमेर, सैम, सांकरा।
  • जैसलमेर और पोकरण नगरपालिकाएँ हैं।
प्रशासनिक इकाईसंख्या/विशेषता
तहसीलें4
ग्राम पंचायतें140
गाँव744
पंचायत समितियाँ3 (जैसलमेर, सैम, सांकरा)
नगरपालिकाएँजैसलमेर, पोकरण

प्रमुख ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल

1. जैसलमेर किला (सोनार किला)

  • 1156 ई. में रावल जैसल द्वारा त्रिकूट पर्वत पर निर्मित।
  • UNESCO विश्व धरोहर स्थल।
  • 99 बुर्ज, चार प्रवेश द्वार (अखै पोल, गणेश पोल, सूरज पोल, हवा पोल)।
  • किले के भीतर राजमहल, जैन मंदिर और सैकड़ों घर हैं।

2. पटवों की हवेली

  • पाँच मंजिला, भव्य हवेली, उत्कृष्ट नक्काशीदार स्तंभ व गलियारे।
  • राजपूताना वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण।

3. नथमल की हवेली

  • दो भाइयों द्वारा निर्मित, अद्भुत सममिति, अंदरूनी भाग में लघु चित्रकारी।

4. सलीम सिंह की हवेली

  • 18वीं सदी, मोर के आकार के छज्जे, नीला गुंबद।

5. बाड़ा बाग

  • महाराजाओं की छतरियाँ (स्मारक)।

6. कुलधरा और खाबा गाँव

  • पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा रातोंरात छोड़े गए 84 गाँवों के खंडहर, रहस्यमय इतिहास।

7. लोधरवा

  • जैसलमेर की प्राचीन राजधानी, जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध।

8. तनोट माता मंदिर

  • भारत-पाक युद्ध (1965) में चमत्कारी रूप से सुरक्षित रहा, श्रद्धा का केंद्र।

9. गड़ीसर झील

  • 14वीं सदी में महारावल गड़सी सिंह द्वारा निर्मित, जलाशय एवं तीर्थ स्थल।

10. अमर सागर झील

  • 17वीं सदी, अमर सिंह के सम्मान में निर्मित, सुंदर महल व सीढ़ियाँ।

11. अकल वुड फॉसिल पार्क

  • 180 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म, भूगर्भीय शोध के लिए प्रसिद्ध।

12. डेजर्ट नेशनल पार्क

  • थार मरुस्थल की जैव विविधता का प्रमुख केंद्र, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, चिंकारा, काले हिरण, रेगिस्तानी लोमड़ी आदि।

त्योहार, मेले और संस्कृति

  • मरु महोत्सव: जनवरी-फरवरी में आयोजित, लोक नृत्य, कठपुतली, ऊँट दौड़, लोक संगीत, गेर नृत्य, अग्नि नृत्य आदि।
  • गणगौर, रामदेवरा मेला, गंगौर, तीज, दशहरा, दीपावली, होली आदि परंपरागत उत्सव।
  • रामदेवरा मेला: पोकरण के पास रामदेवरा गाँव में बाबा रामदेवजी के मंदिर में आयोजित, लाखों श्रद्धालु आते हैं।
  • जैसलमेर की संस्कृति में राजस्थानी लोक संगीत, गेर नृत्य, कठपुतली, रंग-बिरंगे वस्त्र और ऊँट प्रमुख हैं।

पर्यटन और अर्थव्यवस्था

  • हर वर्ष लगभग 2.76 लाख पर्यटक आते हैं, जिनमें एक लाख विदेशी पर्यटक होते हैं।
  • पर्यटन, खनिज, ऊँट पालन, हस्तशिल्प, पत्थर की नक्काशी, और सीमावर्ती व्यापार यहाँ की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार हैं।
  • इंदिरा गांधी नहर के कारण कृषि क्षेत्र सीमित रूप से बढ़ा है, मुख्य फसलें बाजरा, ज्वार, तिल हैं।

सारांश तालिका: जैसलमेर के प्रमुख तथ्य

विषयविवरण
क्षेत्रफल38,401 वर्ग किमी
जनसंख्या (2011)6,72,008
जनसंख्या घनत्व17 व्यक्ति/वर्ग किमी
लिंगानुपात849
साक्षरता दर58.04%
प्रमुख नदीकाकनी
प्रमुख खनिजजिप्सम, सेलेनाइट, बेंटोनाइट, गैस, चूना पत्थर, संगमरमर, ग्रेनाइट
प्रमुख स्थलजैसलमेर किला, हवेलियाँ, बाड़ा बाग, कुलधरा, लोधरवा, तनोट माता, डेजर्ट नेशनल पार्क
प्रमुख मेलेमरु महोत्सव, रामदेवरा मेला, गणगौर

जैसलमेर जिला अपनी ऐतिहासिक विरासत, स्थापत्य कला, मरुस्थलीय भूगोल, खनिज संपदा, जीवंत संस्कृति और पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ के किले, हवेलियाँ, मंदिर, मरुस्थल, मेले और लोक परंपराएँ न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं। जैसलमेर का अध्ययन प्रतियोगी परीक्षाओं, सामान्य ज्ञान और राजस्थान की सांस्कृतिक समझ के लिए अत्यंत आवश्यक है।

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