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झुंझुनूं जिला : इतिहास, भूगोल, खनिज, मेले व जनसंख्या – सम्पूर्ण अध्ययन नोट्स

झुंझुनूं जिला : इतिहास, भूगोल, खनिज, मेले व जनसंख्या – सम्पूर्ण अध्ययन नोट्स

झुंझुनूं राजस्थान राज्य के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध जिला है। यह जिला अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, ऐतिहासिक विरासत, खनिज संसाधनों और लोक संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की रानी सती का मेला, केसरीया बालम जैसी लोक कथाएँ, और शेखावाटी की हवेलियाँ इसे अन्य जिलों से अलग बनाती हैं।
इस लेख में हम झुंझुनूं जिले के इतिहास, भूगोल, खनिज, प्रशासन, मेले-त्योहार और जनसंख्या से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से प्रस्तुत कर रहे हैं।

झुंझुनूं का भौगोलिक स्थान एवं प्रशासनिक संरचना

झुंझुनूं जिला

प्रशासनिक विभाजन:
झुंझुनूं जिले में कुल 8 तहसीलें हैं:

क्रमांकतहसील का नाम
1झुंझुनूं
2मलसीसर
3बुहाना
4उदयपुरवाटी
5नवलगढ़
6खेतड़ी
7चिड़ावा
8सूरजगढ़

झुंझुनूं का इतिहास

प्राचीन इतिहास

झुंझुनूं का प्राचीन इतिहास भारतीय पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि महाभारत के पांडवों ने लोहार्गल के सूर्यकुंड में स्नान किया था और अपने शस्त्रों को धोया था।

मध्यकालीन इतिहास

नवाब का नाम
मोहम्मद खान
समस खान
फतेह खान
मुबारक शाह
कमल खान
भीकम खान
मोहब्बत खान
खिजर खान
बहादुर खान
समस खान सानी
सुल्तान खान
वहीद खान
साद खान
फजल खान
रोहिल्ला खान

झुंझुनूं के मेले और त्योहार

1. रानी सती मेला (झुंझुनूं)

2. रामदेवजी मेला (नवलगढ़)

3. शेखावाटी हस्तशिल्प एवं पर्यटन मेला

4. अन्य उल्लेखनीय मेले

  1. लोक व पशु मेले: क्षेत्र में कई स्थानों पर छोटे-बड़े लोक व पशु मेले भी आयोजित होते हैं, जिनमें ग्रामीण संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
  2. गणगौर मेला: झुंझुनूं सहित शेखावाटी क्षेत्र में गणगौर पर्व पर महिलाओं द्वारा पारंपरिक गणगौर मेला मनाया जाता है।

झुंझुनूं का भूगोल

झुंझुनूं के खनिज और प्राकृतिक संसाधन

झुंझुनूं जिला खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है, खासकर खेतड़ी तांबा बेल्ट के लिए। यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख खनिज निम्नलिखित हैं:

खनिजप्रमुख क्षेत्र / विशेषता
तांबा, सोना, चाँदीखेतड़ी तांबा बेल्ट (80 किमी लंबा) – रघुनाथगढ़ से सिंघाना तक
लौह अयस्कजौंडा, सोइर-ज़मालपुरा, राजपुर-जैनतपुरा, काली पहाड़ी
कोबाल्टअकवाली-बाबाई (खेतड़ी), 2.83% कोबाल्ट की मात्रा
चूना पत्थरखिरोड़-बसावा-पारसारामपुरा (नवलगढ़), पपरना, मीणा की ढाणी
फ्लोराइटछापोली (उदयपुरवाटी)
क्वार्ट्ज-फेल्डस्पारखेतड़ी, उदयपुरवाटी
क्ले-लाल गेरूगुढ़ा, पौंख, गिरावड़ी, उदयपुरवाटी, मेहराणा
सोपस्टोन-पायरोफिलाइटखोह, गुड़ा, मेहराणा (उदयपुरवाटी, खेतड़ी)
कैल्साइटदादा, बंसियाल, बादलवास (खेतड़ी)
ग्रेनाइटनंद, रिजहानी, मारगसर, माखर, रसोडा, झुंझुनूं, हुकुमपुरा बमलावास
संगमरमरपपरना, मीणा की ढाणी, भगवतवाला की ढाणी (खेतड़ी)

झुंझुनूं के खनिजों का औद्योगिक महत्व

खनिजऔद्योगिक उपयोग/महत्व
तांबाइलेक्ट्रिकल, वायरिंग, मशीनरी, सिक्के
लौह अयस्कइस्पात निर्माण, मशीनरी
कोबाल्टबैटरी, चुंबक, मिश्रधातु
चूना पत्थरसीमेंट, निर्माण, चूना
फ्लोराइटरासायनिक उद्योग, काँच
क्वार्ट्ज-फेल्डस्पारकाँच, सिरेमिक, इलेक्ट्रॉनिक्स
क्ले-लाल गेरूरंग, पेंट, चीनी मिट्टी
सोपस्टोन-पायरोफिलाइटसाबुन, कागज, सिरेमिक
कैल्साइटसीमेंट, काँच, रसायन
ग्रेनाइटभवन निर्माण, स्मारक, सजावट
संगमरमरभवन निर्माण, मूर्तिकला, सजावट

जनसंख्या एवं सामाजिक आँकड़े

आँकड़ासंख्या/प्रतिशत
कुल जनसंख्या21,39,658
जनसंख्या घनत्व361 व्यक्ति/वर्ग किमी
वृद्धि दर (2001-11)11.81%
लिंगानुपात950/1000
साक्षरता दर74.72%

झुंझुनूं जिला राजस्थान के इतिहास, संस्कृति, भूगोल और खनिज संपदा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ की पंचपाना व्यवस्था, रानी सती का मेला, खनिज संसाधन और शेखावाटी की हवेलियाँ इसे विशिष्ट पहचान दिलाती हैं।
अध्ययन के लिए यह जिला राजस्थान GK, प्रतियोगी परीक्षाओं और सामान्य ज्ञान के लिए अत्यंत उपयोगी है।

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