जोधपुर जिला राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण जिला है। इसे सूर्य नगरी, नीला शहर और मारवाड़ की राजधानी जैसे उपनामों से भी जाना जाता है। अपनी राजसी विरासत, महलों, किलों, और लोक संस्कृति के लिए यह न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहाँ की स्थापत्य कला, लोकनृत्य, उत्सव, खानपान, और मरुस्थलीय जीवनशैली इसे विशिष्ट पहचान देते हैं ।
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इतिहास
जोधपुर की स्थापना राठौड़ वंश के राव जोधा ने 12 मई, 1459 ई. में की थी ।
प्राचीन नाम माण्डव्यपुर था, बाद में यह मारवाड़ की राजधानी बना ।
राठौड़ों का मूल स्थान कन्नौज था, लेकिन मुहम्मद गौरी के आक्रमण के बाद वे पश्चिमी राजस्थान (पाली, मंडोर, नागौर) में आकर बस गए ।
मंडोर प्रारंभ में राजधानी थी, बाद में जोधपुर को केंद्र बनाया गया।
जोधपुर का मेहरानगढ़ दुर्ग चिड़ीयानाथ की टोंक पहाड़ी पर स्थित है और इसका व्यापारिक महत्व गुजरात से दिल्ली मार्ग पर होने के कारण बहुत बढ़ गया था ।
मुगलों और अंग्रेजों के काल में भी जोधपुर का महत्व बना रहा।
भौगोलिक स्थिति
विषय
विवरण
अक्षांश-देशांश
26°00′N से 27°37′N, 72°55′E से 73°52′E
क्षेत्रफल
22,850 वर्ग किमी (राजस्थान में दूसरा स्थान)
सीमाएँ
उत्तर में बीकानेर, पूर्व में नागौर, दक्षिण में पाली, पश्चिम में जैसलमेर व बाड़मेर
मेहरानगढ़ दुर्ग : राजस्थान के सबसे विशाल किलों में, स्थापत्य, संग्रहालय, तोपें, राजसी इतिहास।
उम्मेद भवन पैलेस : 20वीं सदी का भव्य महल, होटल और म्यूजियम।
मंडोर गार्डन : राठौड़ राजाओं की छतरियाँ, प्राचीन मूर्तियाँ।
जसवंत थड़ा : सफेद संगमरमर का स्मारक।
घंटाघर : ऐतिहासिक बाजार, स्थानीय जीवन का केंद्र।
कायलाना झील : पिकनिक स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य।
माचिया बायोलॉजिकल पार्क : वन्यजीव प्रेमियों के लिए।
सच्चियाय माता मंदिर : धार्मिक आस्था का केंद्र।
महत्वपूर्ण तथ्य (Quick Facts) – परीक्षा दृष्टि से
बिंदु
विवरण
स्थापना
12 मई, 1459 ई., राव जोधा द्वारा
प्राचीन नाम
माण्डव्यपुर, मारवाड़, मरु भूमि, मरुकांतर
उपनाम
सूर्य नगरी, नीला शहर, जोधना नगरी
क्षेत्रफल
22,850 वर्ग किमी
जनसंख्या
48,87,165 (2021
प्रमुख नदी
लूणी
प्रमुख स्थल
मेहरानगढ़ दुर्ग, उम्मेद भवन, मंडोर, जसवंत थड़ा
प्रमुख नृत्य
घूमर, घुड़ला
महत्वपूर्ण उद्योग
पर्यटन, कृषि, हथकरघा, मसाले, खनिज
प्रमुख त्योहार
नागपंचमी, घुड़ला महोत्सव, बौरपुरी मेला
जोधपुर जिला राजस्थान की राजसी विरासत, सांस्कृतिक विविधता, भौगोलिक विषमताओं और आर्थिक विकास का अद्भुत संगम है। यहाँ की ऐतिहासिक धरोहरें, लोकजीवन, किले-महल, खानपान, मेले-त्योहार और पर्यटन स्थल इसे न केवल राज्य बल्कि देश के सबसे महत्वपूर्ण जिलों में स्थान दिलाते हैं। सूर्य नगरी के नाम से प्रसिद्ध यह जिला आज भी अपनी परंपरा, संस्कृति और नवाचार के साथ आगे बढ़ रहा है।