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जोधपुर जिला: इतिहास, भूगोल, संस्कृति, पर्यटन

जोधपुर जिला: इतिहास, भूगोल, संस्कृति, पर्यटन

जोधपुर जिला राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण जिला है। इसे सूर्य नगरी, नीला शहर और मारवाड़ की राजधानी जैसे उपनामों से भी जाना जाता है। अपनी राजसी विरासत, महलों, किलों, और लोक संस्कृति के लिए यह न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहाँ की स्थापत्य कला, लोकनृत्य, उत्सव, खानपान, और मरुस्थलीय जीवनशैली इसे विशिष्ट पहचान देते हैं ।


इतिहास


भौगोलिक स्थिति

विषयविवरण
अक्षांश-देशांश26°00′N से 27°37′N, 72°55′E से 73°52′E
क्षेत्रफल22,850 वर्ग किमी (राजस्थान में दूसरा स्थान)
सीमाएँउत्तर में बीकानेर, पूर्व में नागौर, दक्षिण में पाली, पश्चिम में जैसलमेर व बाड़मेर
प्रमुख नदीलूणी (अल्पकालिक, मानसून में जल प्रवाह)
जलवायुशुष्क, उष्ण मरुस्थलीय, वर्षा औसतन 10-40 सेमी
वनस्पतिकाँटेदार झाड़ियाँ, मरुस्थलीय घासें, कहीं-कहीं खेजड़ी, बबूल
प्रमुख स्थलाकृतिबालू के टीले, समतल मैदान, छोटी पहाड़ियाँ

प्रशासनिक संरचना

तहसीलेंप्रमुख नगर/क्षेत्र
बावड़ी, बालेसर, शेरगढ़, ओसियां, लूणी, तिंवरी, बिलाड़ा, पीपाड़ सिटी, शेखालाजोधपुर, ओसियां, बिलाड़ा, पीपाड़, बावड़ी, लूणी, शेरगढ़, बालेसर

जनसंख्या, भाषा और सामाजिक संरचना

विषयविवरण
कुल जनसंख्या (2021)48,87,165
जनसंख्या घनत्व203 व्यक्ति/वर्ग किमी
शहरी जनसंख्या42.3%
साक्षरता65.94%
लिंगानुपात916 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष
प्रमुख भाषाएँमारवाड़ी, हिंदी, अंग्रेज़ी

कला, संस्कृति और लोकजीवन


प्रमुख दर्शनीय स्थल

स्थलविशेषता/महत्व
मेहरानगढ़ दुर्गविशाल, ऐतिहासिक, स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण
उम्मेद भवन पैलेसभारत के सबसे बड़े महलों में, आंशिक होटल/म्यूजियम
जसवंत थड़ासंगमरमर की छतरियाँ, स्मारक
मंडोर गार्डनऐतिहासिक छतरियाँ, गार्डन, प्राचीन राजधानी
घंटाघरऐतिहासिक बाजार, पर्यटन स्थल
सच्चियाय माता मंदिरधार्मिक आस्था का केंद्र
माचिया बायोलॉजिकल पार्कजैव विविधता, वन्यजीव
कायलाना झीलप्राकृतिक झील, पिकनिक स्थल
गणेश मंदिरधार्मिक महत्व
उम्मेद उद्यानसुंदर बाग, हरियाली

अर्थव्यवस्था और प्रमुख उद्योग


भूगोल और जलवायु

विषयविवरण
जलवायुशुष्क, उष्ण मरुस्थलीय, औसत वर्षा 10-40 सेमी
तापमानगर्मियों में 40°C-48°C, सर्दियों में 11°C-16°C
प्रमुख वनस्पतिखेजड़ी, बबूल, थार की घासें, काँटेदार झाड़ियाँ
प्रमुख नदीलूणी नदी (मानसून में बहती है)

शिक्षा, प्रशासन एवं अन्य विशेषताएँ


जोधपुर जिले के उपनाम और प्राचीन नाम

उपनामकारण/विशेषता
सूर्य नगरीयहाँ सूर्य की रोशनी अधिक, मौसम खुला
नीला शहरघरों की नीली रंगाई, गर्मी से बचाव
जोधना नगरीराव जोधा के नाम पर
मारवाड़प्राचीन क्षेत्रीय नाम
मरु भूमिमरुस्थलीय क्षेत्र
मरुकांतररेगिस्तानी क्षेत्र

जोधपुर जिले की प्रशासनिक इकाइयाँ

तहसीलेंप्रमुख क्षेत्र
बावड़ी, बालेसर, शेरगढ़, ओसियां, लूणी, तिंवरी, बिलाड़ा, पीपाड़ सिटी, शेखालाजोधपुर, ओसियां, पीपाड़, बावड़ी, लूणी, शेरगढ़, बालेसर

पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत


महत्वपूर्ण तथ्य (Quick Facts) – परीक्षा दृष्टि से

बिंदुविवरण
स्थापना12 मई, 1459 ई., राव जोधा द्वारा
प्राचीन नाममाण्डव्यपुर, मारवाड़, मरु भूमि, मरुकांतर
उपनामसूर्य नगरी, नीला शहर, जोधना नगरी
क्षेत्रफल22,850 वर्ग किमी
जनसंख्या48,87,165 (2021
प्रमुख नदीलूणी
प्रमुख स्थलमेहरानगढ़ दुर्ग, उम्मेद भवन, मंडोर, जसवंत थड़ा
प्रमुख नृत्यघूमर, घुड़ला
महत्वपूर्ण उद्योगपर्यटन, कृषि, हथकरघा, मसाले, खनिज
प्रमुख त्योहारनागपंचमी, घुड़ला महोत्सव, बौरपुरी मेला

जोधपुर जिला राजस्थान की राजसी विरासत, सांस्कृतिक विविधता, भौगोलिक विषमताओं और आर्थिक विकास का अद्भुत संगम है। यहाँ की ऐतिहासिक धरोहरें, लोकजीवन, किले-महल, खानपान, मेले-त्योहार और पर्यटन स्थल इसे न केवल राज्य बल्कि देश के सबसे महत्वपूर्ण जिलों में स्थान दिलाते हैं। सूर्य नगरी के नाम से प्रसिद्ध यह जिला आज भी अपनी परंपरा, संस्कृति और नवाचार के साथ आगे बढ़ रहा है।


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