राजस्थान प्रदेश में प्रमुख समाचार पत्र-पत्रिकाएँ, सामाजिक व राजनीतिक संगठन

By RR Classes

Updated on:

राजस्थान का सामाजिक और राजनीतिक इतिहास अत्यंत समृद्ध रहा है। यहाँ की समाचार पत्र-पत्रिकाएँ और सामाजिक व राजनीतिक संगठन न केवल जनजागरण के सशक्त माध्यम रहे हैं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सुधार और लोकतांत्रिक चेतना के विकास में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
यह लेख राजस्थान के प्रमुख समाचार पत्र-पत्रिकाओं, सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करता है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी है।

Page Contents

राजस्थान में समाचार पत्र-पत्रिकाओं का इतिहास

राजस्थान में पत्रकारिता का आरंभ 19वीं सदी के उत्तरार्ध में हुआ। प्रारंभ में समाचार पत्रों का उद्देश्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाना, शिक्षा का प्रचार-प्रसार और स्वतंत्रता संग्राम के विचारों का प्रसार करना था। धीरे-धीरे ये पत्र-पत्रिकाएँ जन-जागरण, राजनीतिक चेतना और सामाजिक सुधार का महत्वपूर्ण साधन बन गईं।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पत्र-पत्रिकाओं ने जनमानस को जागरूक किया।
  • सामाजिक सुधार आंदोलनों में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
  • राजनीतिक संगठनों का गठन और उनके विचारों का प्रचार-प्रसार इन्हीं के माध्यम से हुआ।

राजस्थान के प्रमुख समाचार पत्र एवं पत्रिकाएँ

क्रमनामप्रारंभ वर्षसंस्थापक/संपादकस्थानविशेषता
1राजपुताना गजट1882शिवनाथ रायअजमेरराजस्थान का प्रथम समाचार पत्र
2राजस्थान1920हरिभाऊ उपाध्यायअजमेरस्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन
3नवज्योति1936कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरीअजमेरस्वतंत्रता आंदोलन, सामाजिक सुधार
4प्रताप1919गणेश शंकर विद्यार्थीअजमेरराष्ट्रीय चेतना, स्वतंत्रता
5तरुण राजस्थान1920माणिक्यलाल वर्माउदयपुरजनजागरण, किसान आंदोलन
6लोकवाणी1931रामनारायण चौधरीबीकानेरकिसानों की आवाज, सुधार आंदोलन
7दैनिक नवज्योति1944कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरीजयपुरस्वतंत्रता, सामाजिक मुद्दे
8राजस्थान पत्रिका1956करपूर चंद्र कुलिशजयपुरसबसे लोकप्रिय दैनिक, सामाजिक सरोकार

1. राजपुताना गजट (1882)

  • राजस्थान का प्रथम समाचार पत्र
  • शिवनाथ राय द्वारा अजमेर से प्रकाशित।
  • सामाजिक कुरीतियों और प्रशासनिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाई।

2. राजस्थान (1920)

  • हरिभाऊ उपाध्याय द्वारा प्रकाशित।
  • स्वतंत्रता आंदोलन के विचारों का प्रचार-प्रसार।

3. नवज्योति (1936)

  • कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी द्वारा प्रकाशित।
  • स्वतंत्रता आंदोलन, सामाजिक सुधार, किसानों की समस्याओं को प्रमुखता दी।

4. प्रताप (1919)

  • गणेश शंकर विद्यार्थी के संपादन में।
  • राष्ट्रीय चेतना और स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन।

5. तरुण राजस्थान (1920)

  • माणिक्यलाल वर्मा द्वारा प्रकाशित।
  • किसानों, मजदूरों और जनजातियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई।

6. लोकवाणी (1931)

  • रामनारायण चौधरी द्वारा बीकानेर से प्रकाशित।
  • किसानों और समाज सुधार आंदोलनों की आवाज बनी।

7. दैनिक नवज्योति (1944)

  • कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी द्वारा जयपुर से।
  • स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित।

8. राजस्थान पत्रिका (1956)

  • करपूर चंद्र कुलिश द्वारा जयपुर से।
  • आज भी राजस्थान का सबसे लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्र है।

राजस्थान के प्रमुख सामाजिक संगठन

राजस्थान में सामाजिक संगठनों की परंपरा बहुत पुरानी है। इन संगठनों ने समाज में व्याप्त कुरीतियों, जातिवाद, अशिक्षा, नारी उत्पीड़न, छुआछूत आदि के विरुद्ध संघर्ष किया और समाज में जागरूकता लाई।

क्रमसंगठन का नामस्थापना वर्षसंस्थापक/प्रमुख व्यक्तिउद्देश्य/कार्य
1आर्य समाज1875 (देश), 1880 (राज.)स्वामी दयानंद सरस्वतीसमाज सुधार, शिक्षा, जातिवाद विरोध
2जैन सम्मेलन1920जैन समाजसामाजिक सुधार, शिक्षा
3मेवाड़ हितकारिणी सभा1888फतेह सिंहशिक्षा, समाज सुधार
4मारवाड़ महिला मंडल1934राजमाता करणी देवीमहिला शिक्षा, अधिकार
5भील सेवा मंडल1922माणिक्यलाल वर्माभील समाज का उत्थान
6किसान सभा1938जय नारायण व्यास, हीरालाल शास्त्रीकिसानों के अधिकार, आंदोलन
7मेवाड़ क्षत्रिय महासभा1910क्षत्रिय समाजसामाजिक एकता, शिक्षा

1. आर्य समाज

  • स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित।
  • राजस्थान में शिक्षा, सामाजिक सुधार, जातिवाद और छुआछूत के विरुद्ध आंदोलन।
  • बाल विवाह, पर्दा प्रथा, सती प्रथा आदि के विरोध में कार्य।

2. जैन सम्मेलन

  • जैन समाज की सामाजिक एकता, शिक्षा, और सुधार के लिए कार्यरत।
  • धार्मिक और सामाजिक आयोजनों का संचालन।

3. मेवाड़ हितकारिणी सभा

  • फतेह सिंह द्वारा स्थापित।
  • शिक्षा का प्रचार-प्रसार, समाज सुधार, बालिका शिक्षा पर बल।

4. मारवाड़ महिला मंडल

  • राजमाता करणी देवी के नेतृत्व में।
  • महिला शिक्षा, अधिकार, और सामाजिक जागरूकता के लिए कार्य।

5. भील सेवा मंडल

  • माणिक्यलाल वर्मा द्वारा स्थापित।
  • भील समाज के उत्थान, शिक्षा, और अधिकारों के लिए आंदोलन।

6. किसान सभा

  • जय नारायण व्यास, हीरालाल शास्त्री के नेतृत्व में।
  • किसानों के अधिकारों, भूमि सुधार, और आंदोलन का नेतृत्व।

7. मेवाड़ क्षत्रिय महासभा

  • क्षत्रिय समाज की एकता, शिक्षा और सामाजिक सुधार के लिए कार्यरत।

राजस्थान के प्रमुख राजनीतिक संगठन

राजस्थान में स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधार आंदोलनों के दौरान कई राजनीतिक संगठनों का गठन हुआ। इन संगठनों ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी, बल्कि लोकतांत्रिक चेतना का भी विस्तार किया।

क्रमसंगठन का नामस्थापना वर्षप्रमुख व्यक्तिउद्देश्य/कार्य
1राजस्थान सेवा संघ1919अर्जुनलाल सेठीस्वतंत्रता आंदोलन, जनजागरण
2मेवाड़ प्रजामंडल1938माणिक्यलाल वर्मा, गिरधारीलाल व्यासलोकतांत्रिक अधिकार, सामाजिक सुधार
3जयपुर प्रजामंडल1931हीरालाल शास्त्री, जमनालाल बजाजप्रजासत्ता, स्वतंत्रता आंदोलन
4बीकानेर प्रजामंडल1939रामनारायण चौधरीप्रजासत्ता, सामाजिक सुधार
5मारवाड़ लोक परिषद1938जय नारायण व्यासस्वतंत्रता, जनहित
6राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति1920अर्जुनलाल सेठी, हरिभाऊ उपाध्यायस्वतंत्रता आंदोलन, संगठन

1. राजस्थान सेवा संघ (1919)

  • अर्जुनलाल सेठी द्वारा स्थापित।
  • स्वतंत्रता आंदोलन, जनजागरण, शिक्षा का प्रचार-प्रसार।
  • ब्रिटिश शासन के विरोध में आंदोलन।

2. मेवाड़ प्रजामंडल (1938)

  • माणिक्यलाल वर्मा, गिरधारीलाल व्यास के नेतृत्व में।
  • लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग, सामाजिक सुधार।

3. जयपुर प्रजामंडल (1931)

  • हीरालाल शास्त्री, जमनालाल बजाज के नेतृत्व में।
  • प्रजासत्ता, स्वतंत्रता आंदोलन, सामाजिक सुधार।

4. बीकानेर प्रजामंडल (1939)

  • रामनारायण चौधरी के नेतृत्व में।
  • प्रजासत्ता, सामाजिक सुधार, किसान आंदोलन।

5. मारवाड़ लोक परिषद (1938)

  • जय नारायण व्यास द्वारा स्थापित।
  • स्वतंत्रता, जनहित, सामाजिक सुधार।

6. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति (1920)

  • अर्जुनलाल सेठी, हरिभाऊ उपाध्याय के नेतृत्व में।
  • स्वतंत्रता आंदोलन, संगठनात्मक कार्य, जनजागरण।

महत्वपूर्ण समाचार पत्र-पत्रिकाओं, सामाजिक व राजनीतिक संगठनों की तुलना

नाम/संगठनस्थापना वर्षसंस्थापक/प्रमुखउद्देश्य/मुख्य कार्य
राजपुताना गजट1882शिवनाथ रायसामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध
नवज्योति1936दुर्गाप्रसाद चौधरीस्वतंत्रता, सामाजिक सुधार
आर्य समाज1880 (राज.)दयानंद सरस्वतीसमाज सुधार, शिक्षा
किसान सभा1938जय नारायण व्यासकिसानों के अधिकार
राजस्थान सेवा संघ1919अर्जुनलाल सेठीस्वतंत्रता आंदोलन, जनजागरण
जयपुर प्रजामंडल1931हीरालाल शास्त्रीप्रजासत्ता, सामाजिक सुधार
राजस्थान पत्रिका1956कुलिशसामाजिक सरोकार, जनजागरण

राजस्थान में समाचार पत्र-पत्रिकाओं, सामाजिक व राजनीतिक संगठनों की भूमिका

1. स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

  • पत्र-पत्रिकाओं ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ जनमत तैयार किया।
  • सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने आंदोलनों का नेतृत्व किया।

2. सामाजिक सुधार में भूमिका

  • बाल विवाह, सती प्रथा, पर्दा प्रथा, छुआछूत जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।
  • महिला शिक्षा, दलित उत्थान, किसान अधिकार जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी।

3. राजनीतिक चेतना का विकास

  • प्रजामंडलों और लोक परिषदों ने लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग को बल दिया।
  • पत्र-पत्रिकाओं ने राजनीतिक विचारधारा का प्रसार किया।

राजस्थान के प्रमुख समाचार पत्र-पत्रिकाएँ, सामाजिक व राजनीतिक संगठन न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि आज भी समाज में जागरूकता, शिक्षा, और लोकतांत्रिक मूल्यों के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
इनकी भूमिका ने न केवल राजस्थान को सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधार आंदोलनों में भी ऐतिहासिक योगदान दिया।

महत्वपूर्ण बिंदु (Quick Revision):

  • राजपुताना गजट – राजस्थान का प्रथम समाचार पत्र
  • नवज्योति, प्रताप, तरुण राजस्थान – स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान
  • आर्य समाज, किसान सभा, भील सेवा मंडल – सामाजिक सुधार
  • राजस्थान सेवा संघ, प्रजामंडल, लोक परिषद – राजनीतिक चेतना व स्वतंत्रता आंदोलन
  • राजस्थान पत्रिका – आज का प्रमुख दैनिक समाचार पत्र

यह लेख राजस्थान के प्रमुख समाचार पत्र-पत्रिकाएँ, सामाजिक व राजनीतिक संगठनों पर आधारित है और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी है।


Leave a Comment

WhatsApp
error: Please do not play.