राजसमंद जिला (rajsamand jila darshan): विस्तृत अध्ययन नोट्स

By RR Classes

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राजसमंद जिला: परिचय

राजसमंद राजस्थान के दक्षिणी छोर पर स्थित एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध जिला है। यह जिला 10 अप्रैल 1991 को उदयपुर जिले से अलग कर बनाया गया था । इसका नाम प्रसिद्ध राजसमंद झील के नाम पर पड़ा, जिसे महाराणा राज सिंह ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था । जिले का मुख्यालय राजसमंद शहर है।

भौगोलिक स्थिति:

  • अक्षांश: 24°46′ से 26°01′ उत्तर
  • देशांतर: 73°28′ से 74°18′ पूर्व
  • क्षेत्रफल: 4527 वर्ग किमी
  • औसत ऊँचाई: 547 मीटर
  • सीमाएँ: उत्तर में अजमेर, पूर्व में भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़, दक्षिण में उदयपुर, पश्चिम में पाली

प्रशासनिक विभाजन:

राजसमंद में 9 तहसीलें हैं:
अमेत, भीम, देवगढ़, कुंभलगढ़, गाडबोर, नाथद्वारा, रेलमगरा, राजसमंद, खमनोर


इतिहास एवं पुरातत्व

गिलुंड: प्राचीन सभ्यता का केंद्र

  • गिलुंड अहड़-बनास सभ्यता का महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है, जहाँ 3000–1700 ईसा पूर्व तक मानव बस्ती के प्रमाण मिले हैं।
  • यहाँ से आवासीय संरचनाएँ, कार्यशालाएँ, और विशाल दीवारें मिली हैं, जो क्षेत्र की प्राचीनता दर्शाती हैं ।

कुंभलगढ़ किला: मेवाड़ की शान

  • कुंभलगढ़ किला राणा कुंभा द्वारा 1443–1458 ई. में बनवाया गया।
  • यह मेवाड़ का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण किला है, जिसकी दीवारें चीन की दीवार के बाद विश्व की दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती हैं।
  • किले में सात विशाल द्वार, अनेक मंदिर (महादेव, नीलकंठ, जैन मंदिर) और प्रसिद्ध बादल महल स्थित है ।

हल्दीघाटी और चेतक समाधि

  • हल्दीघाटी वह ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ 1576 ई. में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच प्रसिद्ध युद्ध हुआ था।
  • चेतक समाधि महाराणा प्रताप के प्रिय घोड़े चेतक की स्मृति में निर्मित है, जिसने युद्ध के दौरान अपने स्वामी की रक्षा करते हुए प्राण त्याग दिए थे ।

प्रमुख पर्यटन स्थल

स्थल का नामविशेषता/महत्व
राजसमंद झीलमहाराणा राज सिंह द्वारा निर्मित, सुंदर घाट, संगमरमर की सीढ़ियाँ, राजप्रशस्ति शिलालेख
कुंभलगढ़ किलाविश्व धरोहर, विशाल दीवार, बादल महल, जैन मंदिर
हल्दीघाटीऐतिहासिक युद्ध स्थल, चेतक समाधि
नाथद्वारा मंदिरश्रीनाथजी का प्रसिद्ध मंदिर, कृष्ण भक्ति का केंद्र
देवगढ़कर्णिमाता मंदिर, ऐतिहासिक मेले
राख्ता तालईहल्दीघाटी युद्ध का अंतिम स्थल
नव चौकीराजसमंद झील का उत्तरी घाट, संगमरमर की सुंदर छतरियाँ

भूगोल एवं प्राकृतिक संसाधन

भौगोलिक स्वरूप

  • जिला अरावली पर्वतमाला से घिरा है।
  • उत्तरी भाग ऊँचा, पूर्वी भाग उपजाऊ मैदान, दक्षिणी भाग में पहाड़ और वन क्षेत्र, पश्चिमी भाग में अरावली की पहाड़ियाँ फैली हैं ।
  • मुख्य नदियाँ: बनास, गोमती, केलवा, खारी, चंद्रभागा, कोठारी, अहड़
  • जलवायु: मध्यम, औसत वर्षा 49.5 सेमी, न्यूनतम तापमान 7°C, अधिकतम 40°C

प्राकृतिक स्थल

  • कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य: 578 वर्ग किमी क्षेत्र, भेड़िया, तेंदुआ, भालू, नीलगाय, चौसिंगा आदि वन्य जीव ।
  • टोडगढ़-रावली अभयारण्य: 495 वर्ग किमी, तेंदुआ, जंगली सूअर, चिंकारा, भालू आदि।

खनिज संपदा

राजसमंद जिला खनिजों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। यहाँ प्रमुख रूप से निम्नलिखित खनिज पाए जाते हैं:

खनिज का नामप्रमुख क्षेत्र/गाँवउत्पादन/विशेषता
सीसा-ज़िंकराजपुरा, दरिबा, केल-की-कुई, माजेरा, सुमेरभारत के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र
तांबाकंकरोली, कोठारिया, दरिबा, माजेरा
संगमरमरराजनगर, केलवा, निजराना, अमेत, उमतीसफेद व हरा संगमरमर
चूना पत्थरनाथद्वारा, भीमसीमेंट उद्योग हेतु
टैल्क (सोपस्टोन)राठौर का गुड़ा, नाथुवास, नाया गुड़ा, गोराच डिगरीसाबुन निर्माण, कॉस्मेटिक
बैराइट्सकीवली, जुनागढ़, नागरिया25,000 टन भंडार
फेल्सपार, क्वार्ट्जविभिन्न क्षेत्र

जनसंख्या, भाषा एवं समाज

  • जनसंख्या (2011): 11,58,283
  • जनसंख्या घनत्व: 302 व्यक्ति/वर्ग किमी
  • लिंगानुपात: 988 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष
  • साक्षरता: औसत 67% (पुरुष 77%, महिला 57%)
  • प्रमुख भाषा: हिंदी, राजस्थानी, क्षेत्रीय बोली मेवाड़ी

राजसमंद के प्रमुख मेले एवं त्योहार

मेला/त्योहारविशेषता/स्थान
गणगौरमार्च/अप्रैल, गूमा नृत्य, महिलाओं का त्योहार
कर्णिमाता मेलादेवगढ़, 9 दिन तक चलता है
झलझूलनी एकादशीचारभुजा, भव्य शोभायात्रा, लाखों श्रद्धालु
गवरीभील समुदाय की लोक नाट्य परंपरा, एक माह तक चलता है
नाथद्वारा उत्सवश्रीनाथजी मंदिर, कृष्ण जन्माष्टमी, अन्नकूट महोत्सव

राजसमंद झील: निर्माण, विशेषता एवं सांस्कृतिक महत्व

  • निर्माण: महाराणा राज सिंह द्वारा 1662 ई. में बनवाई गई ।
  • विस्तार: गोमती, केलवा और तली नदियों पर निर्मित।
  • विशेषता: नौ चौकी, संगमरमर की सीढ़ियाँ, छतरियाँ, राजप्रशस्ति शिलालेख (संस्कृत में विश्व का सबसे लंबा शिलालेख)।
  • सांस्कृतिक महत्व: यहाँ हर वर्ष धार्मिक स्नान, मेले, और उत्सव आयोजित होते हैं।

कृषि, वन एवं उद्योग

कृषि

  • जिले में रबी और खरीफ दोनों फसलें होती हैं।
  • खरीफ: मक्का, उड़द, कपास, गन्ना
  • रबी: जौ, गेहूं, चना, सरसों

वन

  • कुल वन क्षेत्र: 25,952 हेक्टेयर
  • प्रमुख वन उत्पाद: लकड़ी, बांस, तेंदू, गोंद, शहद, मोम
  • प्रमुख वृक्ष: बबूल, नीम, पीपल, आम, बरगद, धोकड़ा, गूगल

उद्योग

उद्योग का प्रकारप्रमुख उत्पाद/क्षेत्र
खनिज आधारित उद्योगसंगमरमर, चूना पत्थर, सीसा-ज़िंक, तांबा
कृषि आधारित उद्योगखाद्य प्रसंस्करण, तेल मिल, आटा मिल
हस्तशिल्पसंगमरमर की मूर्तियाँ, पारंपरिक चित्रकारी

प्रमुख ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक स्थल

स्थल का नामसंक्षिप्त विवरण
कुंभलगढ़ अभयारण्य578 वर्ग किमी, भेड़िया, तेंदुआ, भालू आदि वन्य जीव
टोडगढ़-रावली अभयारण्य495 वर्ग किमी, तेंदुआ, भालू, चिंकारा आदि
देवगढ़कर्णिमाता मंदिर, ऐतिहासिक स्थल
नव चौकीराजसमंद झील का सुंदर घाट, संगमरमर की छतरियाँ
राख्ता तालईहल्दीघाटी युद्ध का अंतिम स्थल

सारांश तालिका: राजसमंद जिला एक नजर में

विषयविवरण
स्थापना10 अप्रैल 1991
क्षेत्रफल4527 वर्ग किमी
तहसीलें9 (अमेत, भीम, देवगढ़, कुंभलगढ़, गाडबोर, नाथद्वारा, रेलमगरा, राजसमंद, खमनोर)
प्रमुख नदियाँबनास, गोमती, केलवा, खारी, चंद्रभागा, कोठारी, अहड़
प्रमुख खनिजसीसा-ज़िंक, संगमरमर, चूना पत्थर, टैल्क, तांबा, बैराइट्स
जनसंख्या (2011)11,58,283
साक्षरता67%
लिंगानुपात988 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष
मुख्य भाषाहिंदी, राजस्थानी, मेवाड़ी
औसत वर्षा49.5 सेमी
औसत तापमान22.5°C (ग्रीष्म: 45°C, शीत: 7°C)

राजसमंद जिला राजस्थान का एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक और औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहाँ की प्राचीन सभ्यताएँ, किले, झीलें, अभयारण्य, खनिज संपदा, मेले-त्योहार और वन्य जीवन इसे विशिष्ट पहचान देते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं और सामान्य अध्ययन के लिए यह जिला अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राजसमंद न केवल राजस्थान, बल्कि भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मानचित्र पर भी अपनी अलग छवि रखता है।


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