सवाई माधोपुर राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक जिला है, जिसे ‘गेटवे टू रणथंभौर‘ के नाम से भी जाना जाता है। यह जिला प्रशासनिक दृष्टि से 8 तहसीलों (सवाई माधोपुर, गंगापुर, बामनवास, बौंली, खंडार, चौथ का बरवाड़ा, मलारना डूंगर, वजीरपुर) में विभाजित है और कुल क्षेत्रफल लगभग 5042 वर्ग किमी है । यह जिला अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक विविधता, प्राकृतिक संसाधनों और रणथंभौर नेशनल पार्क के लिए प्रसिद्ध है।
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इतिहास: सवाई माधोपुर का गौरवशाली अतीत
प्राचीन काल और रणथंभौर किला
सवाई माधोपुर का इतिहास मुख्यतः रणथंभौर किले से जुड़ा है, जिसका निर्माण 10वीं शताब्दी में चौहान राजाओं द्वारा कराया गया था ।
एक मत के अनुसार, किला 944 ई. में चौहान शासक सपलदक्ष ने बनवाया, जबकि अन्य मत के अनुसार 1110 ई. में चौहान राजा जयंत ने इसका निर्माण कराया।
1192 में मोहम्मद गौरी से हार के बाद चौहान राजा गोविंदराज IV ने रणथंभौर पर शासन किया।
1226 में दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने किले पर कब्जा किया, लेकिन 1236 के बाद फिर से चौहानों के अधीन आ गया।
1299 में महाराो हम्मीर देव चौहान ने मोहम्मद शाह को शरण दी, जिससे अलाउद्दीन खिलजी ने 1301 में किले पर आक्रमण कर कब्जा किया।
मुगल और ब्रिटिश काल
1532-1535 में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने किले पर अधिकार किया।
1569 में मुगल सम्राट अकबर ने किले को अपने साम्राज्य में मिला लिया।
18वीं शताब्दी में मराठों के प्रभाव के दौरान, सवाई माधोपुर के शासक सवाई माधो सिंह ने किले को मजबूत किया और पास के गाँव शेरपुर को किलेबंदी करके अपने नाम पर ‘सवाई माधोपुर’ रखा।
ब्रिटिश काल में सवाई मानसिंह ने जयपुर-सवाई माधोपुर के बीच रेलवे लाइन बनवाई, जिससे यह क्षेत्र राज्य के अन्य भागों से जुड़ गया।
भौगोलिक स्थिति एवं प्राकृतिक स्वरूप
सवाई माधोपुर जिला पूर्वी राजस्थान का एक आयताकार क्षेत्र है, जिसकी भौगोलिक स्थिति 25°.45′ से 26°.41′ उत्तर अक्षांश और 75°.59′ से 77°.0’ पूर्व देशांतर के बीच है ।
जिले के पूर्व में चंबल नदी, दक्षिण-पूर्व में कोटा, दक्षिण में बूंदी, पश्चिम में टोंक, उत्तर में दौसा, उत्तर-पूर्व में करौली और उत्तर-पश्चिम में जयपुर जिले की सीमाएँ हैं।
यहाँ की भौगोलिक बनावट आंशिक रूप से समतल और आंशिक रूप से पहाड़ी है। दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी भाग में अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियाँ हैं।
जिले की औसत ऊँचाई 450 से 600 मीटर के बीच है। सबसे ऊँची चोटी बामनवास तहसील में (527 मीटर) स्थित है।
प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
रणथंभौर किला
10वीं शताब्दी में निर्मित, यह किला यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (Hill Forts of Rajasthan) के रूप में घोषित है।
किले में विशाल द्वार, मंदिर, जलाशय, हम्मीर बड़ी कचहरी, छोटी कचहरी, 32 खंभों की छतरी, रानी महल, तोरण द्वार, महादेव छतरी, समेटों की हवेली आदि प्रमुख हैं।
किले में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर और जैन मंदिर प्रसिद्ध हैं।
खंडार किला
सवाई माधोपुर से 45 किमी दूर स्थित, यह किला एक ऊँची पहाड़ी पर बना है और कभी भी आसानी से जीता नहीं जा सका।
पहले मेवाड़ के सिसोदिया शासकों के अधीन रहा, बाद में मुगलों ने अधिकार किया ।
घुश्मेश्वर मंदिर
सिवाड़ गाँव में स्थित, यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में अंतिम (12वाँ) माना जाता है।
मंदिर से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ हैं।
आलनपुर जैन मंदिर (चमत्कार जी)
शहर के बाहर स्थित, भगवान आदिनाथ को समर्पित यह प्राचीन जैन मंदिर स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
प्रमुख धार्मिक स्थल
धार्मिक स्थल
विशेषता/स्थान
त्रिनेत्र गणेश मंदिर
रणथंभौर किले में, गणेश चतुर्थी पर विशाल मेला
चौथ माता मंदिर
चौथ का बरवाड़ा, माघ शुक्ल चतुर्थी को मेला
घुश्मेश्वर महादेव
सिवाड़ गाँव, शिवरात्रि पर मेला
आलनपुर जैन मंदिर
भगवान आदिनाथ को समर्पित
काला-गोरा भैरव मंदिर
तांत्रिक साधना का केंद्र, रणथंभौर के पास
गालता जी मंदिर
श्रीराम-सिता मंदिर, प्राचीन स्थापत्य
प्रमुख मेले एवं त्योहार
मेला/त्योहार
आयोजन स्थल/समय
गणेश चतुर्थी मेला
त्रिनेत्र गणेश मंदिर, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी
चौथ माता मेला
चौथ का बरवाड़ा, माघ शुक्ल चतुर्थी
कैलादेवी मेला
करौली जिला, चैत्र नवरात्र
श्री महावीर जी मेला
चंदनगाँव, चैत्र शुक्ल नवमी – बैसाख कृष्ण एकम
शिवरात्रि मेला
घुश्मेश्वर महादेव, सिवाड़
कल्याण जी मेला
गंगापुर सिटी, वैशाख शुक्ल पूर्णिमा
प्राकृतिक स्थल एवं जैव विविधता
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान
सवाई माधोपुर से 14 किमी दूर स्थित, यह पार्क अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों के बीच 392 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है।
यहाँ बाघ, चिंकारा, सांभर, चीतल सहित 300 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं ।
यह भारत के प्रमुख बाघ अभयारण्यों में से एक है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
भूगोल, जलवायु और प्राकृतिक संसाधन
विषय
विवरण
कुल क्षेत्रफल
5042 वर्ग किमी
औसत वार्षिक वर्षा
721 मिमी
प्रमुख नदियाँ
बनास, मोरेल, चंबल
प्रमुख मिट्टी
हल्की, रेतीली, नवीन जलोढ़, लिथोसोल, रेगोसोल
ऊँचाई
450–600 मीटर, अधिकतम 527 मीटर
वन क्षेत्र
79288 हेक्टेयर (27.77%)
प्रमुख वन उत्पाद
लकड़ी, चारकोल, तेंदू पत्ता, गोंद, कत्था, शहद, खस घास
सवाई माधोपुर राजस्थान का एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध जिला है। यहाँ का रणथंभौर किला और राष्ट्रीय उद्यान न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध हैं। जिले की भौगोलिक विविधता, खनिज संपदा, कृषि, मेले-त्योहार, धार्मिक स्थल, और सांस्कृतिक परंपराएँ इसे विशिष्ट बनाती हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं, सामान्य ज्ञान एवं राजस्थान के क्षेत्रीय अध्ययन के लिए सवाई माधोपुर का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है।